उबरना है अगर इस बेक़ली से
तलाशे कुछ ख़ुशी इस जिंदगी से
दिखावे की है जिनकी गर्मजोशी
मिले उनसे बताओ क्या ख़ुशी से
चमक यूहीं नहीं चेहरे पे मेरे
मुसलसल जंग की है मुफ़लिसी से
लगी जो चोट दिल पे क्या बताये
ये दिल उकता गया है दोस्ती से
असर होगा तुम्हारे दिल पे इनका
कहे हैं शेर ये संजीदगी से
खुली जब आँख तो देखा है मैंने
उजाला लड़ रहा है तीरगी से
सिया ये ठोकरे खा कर है जाना
नहीं मिलता है कुछ भी सादगी से
उबरना है अगर इस बेक़ली से
तलाशे कुछ ख़ुशी इस जिंदगी से
दिखावे की है जिनकी गर्मजोशी
मिले उनसे बताओ क्या ख़ुशी से
चमक यूहीं नहीं चेहरे पे मेरे
मुसलसल जंग की है मुफ़लिसी से
लगी जो चोट दिल पे क्या बताये
ये दिल उकता गया है दोस्ती से
असर होगा तुम्हारे दिल पे इनका
कहे हैं शेर ये संजीदगी से
खुली जब आँख तो देखा है मैंने
उजाला लड़ रहा है तीरगी से
सिया ये ठोकरे खा कर है जाना
नहीं मिलता है कुछ भी सादगी से
तलाशे कुछ ख़ुशी इस जिंदगी से
दिखावे की है जिनकी गर्मजोशी
मिले उनसे बताओ क्या ख़ुशी से
चमक यूहीं नहीं चेहरे पे मेरे
मुसलसल जंग की है मुफ़लिसी से
लगी जो चोट दिल पे क्या बताये
ये दिल उकता गया है दोस्ती से
असर होगा तुम्हारे दिल पे इनका
कहे हैं शेर ये संजीदगी से
खुली जब आँख तो देखा है मैंने
उजाला लड़ रहा है तीरगी से
सिया ये ठोकरे खा कर है जाना
नहीं मिलता है कुछ भी सादगी से
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