आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 मई 2013

ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है की

ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है की

ना तो हम अपनी ही पीठ थप-थपा सकते है .............
और
और ना ही अपने आप को लात मार सकते है ............
इसलिए
मित्र और आलोचक जरूरी होती है .......!!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...