आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 मई 2013

नींद से आँख खुली है अभी देखा क्या है,

नींद से आँख खुली है अभी देखा क्या है,
देख लेना अभी कुछ देर में दुनिया क्या है,

बाँध कर रखा है किसी सोच ने घर से हमको ,
वरना दर-ओ-दीवार से रिश्ता क्या है,

रेत की ईंट के पत्थर की हो या मिटटी की,
किसी दीवार के साए का भरोसा क्या है,

अपनी दानिश्त में समझे कोई दुनिया,शाहिद
वरना हाथों में लकीरों के अलावा क्या है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...