धनबाद/रांची। अंधी आस्था के नाम पर जान देने और लेने से जुड़ी एक नई घटना सामने आई है। आरपीएफ हवलदार मुनीलाल पर गुरुवार को बलि देने के मकसद से दो सगी बहनों का अपहरण करने का आरोप लगा। छह और चार साल की ये बच्चियां रांगाटांड़ खटाल निवासी उमेश यादव की बेटियां हैं।
हवलदार अपने रांगाटांड़ स्थित रेलवे क्वार्टर में दोनों के हाथ-पैर बांधकर उनकी पूजा कर रहा था। तंत्र-मंत्र की ध्वनि गूंज रही थी। इससे पहले कि वह अपने मकसद में सफल होता, बच्चियों की तलाश करते हुए उनके परिजन वहां पहुंच गए। उन्हें अपने घर में देख हवलदार ने त्रिशूल से हमला कर दिया।
इससे बच्चियों के दादा राजनाथ यादव और पिता उमेश यादव जख्मी हो गए। परिजनों ने किसी तरह हवलदार को पकड़ लिया और पिटाई कर सदर थाने की पुलिस को सौंप दिया। वह नशे में था। बच्चियों के परिजनों ने अगवा कर हत्या की कोशिश की एफआईआर दर्ज कराई है। आरपीएफ ने भी परिजनों के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है।
हवलदार के घर से नरकंकाल बरामद हुए हैं। दो बच्चियां मुक्त की गईं। बच्चियों के परिजनों के मुताबिक, उनकी बलि चढ़ाने की तैयारी की जा रही थी। दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
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