इस मोहल्ले में
रात गए
गली का चौकीदार
जागते रहो ! जागते रहो !
रोज चिल्लाता है ......
घर के लोग
नीम सी नींद में सुनते हैं
और फिर तसल्ली से
करवट बदल
और गहरी नींद सो जाते हैं
मैं समझ नहीं पाती कि
आखिर ,वो खुद तो जाग रहा होता है
फिर किसको
जागते रहने की चेतावनी देता है ?
ठीक उसी तरह
जैसे कलम का चौकीदार
जागो ,जागते रहो
लिखता रहता है ......
और पढने वाला पढ़कर
पन्ने पलटकर
तसल्ली से
रोजमर्रा के कामों में जुट जाता है
मैं समझ नहीं पाती कि,
आखिर कलम का चौकीदार
किसको जगाने के लिए लिखता है ?
~S-roz~
इस मोहल्ले में
रात गए
गली का चौकीदार
जागते रहो ! जागते रहो !
रोज चिल्लाता है ......
घर के लोग
नीम सी नींद में सुनते हैं
और फिर तसल्ली से
करवट बदल
और गहरी नींद सो जाते हैं
मैं समझ नहीं पाती कि
आखिर ,वो खुद तो जाग रहा होता है
फिर किसको
जागते रहने की चेतावनी देता है ?
ठीक उसी तरह
जैसे कलम का चौकीदार
जागो ,जागते रहो
लिखता रहता है ......
और पढने वाला पढ़कर
पन्ने पलटकर
तसल्ली से
रोजमर्रा के कामों में जुट जाता है
मैं समझ नहीं पाती कि,
आखिर कलम का चौकीदार
किसको जगाने के लिए लिखता है ?
~S-roz~
रात गए
गली का चौकीदार
जागते रहो ! जागते रहो !
रोज चिल्लाता है ......
घर के लोग
नीम सी नींद में सुनते हैं
और फिर तसल्ली से
करवट बदल
और गहरी नींद सो जाते हैं
मैं समझ नहीं पाती कि
आखिर ,वो खुद तो जाग रहा होता है
फिर किसको
जागते रहने की चेतावनी देता है ?
ठीक उसी तरह
जैसे कलम का चौकीदार
जागो ,जागते रहो
लिखता रहता है ......
और पढने वाला पढ़कर
पन्ने पलटकर
तसल्ली से
रोजमर्रा के कामों में जुट जाता है
मैं समझ नहीं पाती कि,
आखिर कलम का चौकीदार
किसको जगाने के लिए लिखता है ?
~S-roz~
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