वॉशिंगठन। दुनिया का नंबर वन आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मार
गिराने का दावा भले ही अमेरिका करे, लेकिन नई जानकारी के अनुसार, इस आतंकी
को अमेरिकी सैनिकों ने नहीं बल्कि वह खुद अपनी मौत मरा था। ओसामा के पूर्व
बॉडीगार्ड ने दावा किया है कि लादेन अमेरिकी नौसेना की विशेष इकाई सील की
गोली से नहीं मरे थे। बल्कि उन्होंने खुद को बम से उड़ा लिया था। ओसामा के
इस पूर्व बॉडीगार्ड के दावे पर कितनी सच्चाई है, यह बात या तो वह ही
जानते हैं या फिर अमेरिका।
पाकिस्तान के
ऐबटाबाद में अमेरिकी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के
मारे जाने की घटना के बारे में अक्सर नई खबरें आती रहती हैं। कुछ महीनों
पहले खबर आई थी कि ओसामा को उसके कमरे में नहीं, बल्कि उस वक्त गोली मारी
गई थी, जब अपने शयनकक्ष से बाहर की ओर झांक रहा था तथा उसके बचाव के लिए
कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी।
लादेन के पूर्व बॉडीगार्ड नबील नईम अब्दुल फतेह ने बताया कि जिस
वक्त ओसामा की मौत हुई, उस वक्त वह वहां मौजूद नहीं था। लेकिन ओसामा के
एक करीबी रिश्तेदार ने यह बात बताई। ओसामा के विरोधियों का मनाना है कि
उसके समर्थक जानबूझ कर ऐसे प्रोपागंडा फैलाता है। पूर्व बॉडीगार्ड के दावे
में कोई भी सच्चाई नहीं है। ओसामा बिन लादेन की हत्या पाकिस्तान में 2
मई 2011 को हुई थी।
कुछ दिनों पहले अमेरिकी रक्षामंत्री लियोन पनेटा भी कह चुके कि ओसामा
बिन लादेन को मार गिराने का अभियान ‘किल ओसामा’ बहुत ही जोखिम भरा था।
पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा आतंकी लादेन मिल ही जाएगा, यह पक्का नहीं
था। सीआईए के निदेशक के तौर पर पनेटा ने ओसामा का पता लगाने और उसे मार
गिराने के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा
ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया था। पनेटा ने रक्षामंत्री के तौर पर अपने
अंतिम संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘मैंने जो देखा.. वह बहुत पेशेवर
खुफिया अभियान था। उसमें एबटाबाद में ओसामा के ठिकाने का पता लगाया जा
सका।’ पनेटा ने कहा कि ‘ओसामा एबटाबाद में है यह सौ फीसदी निश्चित नहीं था
इसलिए बीच में कई बार हम नर्वस हुए। अंत में विश्वास की जीत हुई।’
अब्दुल फतेह का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह दावा एकदम गलत
है कि लादेन को समुद्र की गहराईयों में दफनाया गया है। बम ब्लॉस्ट के
कारण लादेन का शरीर टुकड़ों में कट गया था। लादेन के इस वफादर पूर्व
बॉडीगार्ड का कहना है कि उसने कसम खाई है कि वो कभी भी ओसामा के राज को
जगजाहिर नहीं करेगा। उसे मौत कबूल है लेकिन वह किसी के शिकंजे में नहीं
आएगा।
अब्दुल ने बताया कि लादेन पिछले दस सालों ने बमों से लैसे बेल्ट
पहनता था। वह कभी भी किसी के शिकंजे में आना नहीं चाहता था। लेकिन वर्ष
2011 की रात उसने खुद को ही उड़ा लिया। अब्दुल के दावों पर कितनी सच्चाई
है, यह भी संदेह के घेरे में है। क्योंकि लादेन की मौत को लेकर कई प्रकार
की खबरें आती रही हैं। अब्दुल का दावा भी इन्हीं खबरों की अगली कड़ी
साबित हो सकता है।
ओसामा बिन लादेन के बॉडीगार्ड के रूप में काम कर चुका नबील नईम
अब्दुल फतेह वर्ष 1988 से लेकर 1992 तक मिस्त्र से इस्लामिक जिहाद का
लीडर था। 57 साल का फतेह ने कभी भी यह नहीं बताया कि वह कब लादेन का पर्सनल
गार्ड बना। मिस्त्र के नेता होस्नी मुबारक ने उसे बीस साल के लिए कैद में
भेज दिया था लेकिन मार्च 2011 में मुबारक के जाने के बाद वह रिहा हो गया।
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