आपका-अख्तर खान

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05 मई 2013

सूरज के आदेश ने

|| जेठानी सी धूप ||

सूरज के आदेश ने,सबको किया निराश |
राजतिलक तो धूप का,छाया को वनवास ||

कुम्हलाई सी लड़कियां,रक्तिम रक्तिम गाल|
चांटे खाकर धूप के, लौटी सांयकाल ||

पीपल, बरगद -छाँव है,माँ- बाबुल का रूप |
जेठ माह ससुराल सा,जेठानी सी धूप

--हलधर ,कोटा

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