आपका-अख्तर खान

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03 मई 2013

आओ सब कुछ साझा कर लें.........

आओ सब कुछ साझा कर लें.........
गम अपने तुम मुझको दे दो सारे...
खुशियॉ अपनी मैं तुमको दे दूं....
जीवन के रस्ते बहुत कठिन हैं....
आऒ सब कुछ आधा कर लें..........

मत कहना ये समय कठिन है......
जीने के भी हुनर बहुत हैं........
हॅसते हॅसते सब सह लेंगे............
इक दूजे से वादा कर लें.............

बॉट लें सारे एहसासों को.......
जीवन भी अपना बॉट लें आओ..........
सपर तो पथरीला है जीवन का......
आओ सब कुछ साझा कर लें.........!!!!!!!

3 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामीजून 27, 2013 8:43 am

    yw aapki apni rachana hai?

    जवाब देंहटाएं
  2. Ye poem aapki hai.... Ye to bahut pahley... 30 april ko Priyanka Pandey ne post ki thi... ye uski likhi hui hai....

    जवाब देंहटाएं
  3. Bahut Gorakh Dhandha Hai... Aaj Duniya Me...... Saman Ki Chori Hote Hote..... Kavitaon Or Khyalon Ki Bhi ................. Nishabd Hun ....... Kaun Sahi Hai Khuda Jaane

    जवाब देंहटाएं

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