10
मई को मत भूलिएगा। आज ही के दिन 1857 में भारत में अंग्रेजी हुकूमत के
विरुद्ध प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आगाज़ हुआ था। 1857 की क्रान्ति की
सफलता-असफलता के अपने-अपने तर्क हैं पर यह भारत की आजादी का पहला ऐसा
संघर्ष था, जिसे अंग्रेज समर्थक सैनिक विद्रोह अथवा असफल विद्रोह साबित
करने पर तुले थे, परन्तु सही मायनों में यह पराधीनता की बेड़ियों से मुक्ति
पाने का राष्ट्रीय फलक पर हुआ प्रथम महत्वपूर्ण संघर्ष था। यह आन्दोलन भले
ही भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति न दिला पाया हो, लेकिन लोगों में
आजादी का जज्बा जरूर पैदा कर गया। 1857 की इस क्रान्ति को कुछ इतिहासकारों
ने महास्वप्न की शोकान्तिका कहा है, पर इस गर्वीले उपक्रम के फलस्वरूप ही
भारत का नायाब मोती ईस्ट इण्डिया कम्पनी के हाथों से निकल गया और जल्द ही
कम्पनी भंग हो गयी। 1857 के संग्राम की विशेषता यह भी है कि इससे उठे
शंखनाद के बाद जंगे-आजादी 90 साल तक अनवरत चलती रही और अंतत: 15 अगस्त,
1947 को हम आजाद हुए ....आज उन सभी महान लोगों का पुनीत स्मरण जिनकी बदौलत
हम खुले माहौल में साँस ले रहे हैं। - कृष्ण कुमार यादव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)