राजस्थान प्रांत की 12वीं विज्ञान की राज्य स्तरीय मेरिट में पांचवे और
जिला मेरिट में पहले स्थान पर रहे होनहार छात्र प्रखर डोगलिया की
दुर्भाग्यवश दोनों किडनियाँ खराब है। उसका हर तीसरे दिन डायलिसिस कराया
जाता है। वह अब तक 100 बार इस प्रक्रिया से गुजर चुका है। परीक्षा के दौरान
भी चार बार ये हुआ। बावजूद इसके हौंसलों के दम प्रखर ने यह उपलब्धि
प्राप्त कर एक मिसाल कायम की है।
जयपुर में तिलक नगर स्थित माहेश्वरी सीनियर सेकंड़री स्कूल के इस प्रतिभापुंज का सपना इंजीनियर बनकर देश की सेवा करने का है। आमीन!
ऐसे ही हौंसलों के नाम कभी मैंने चार पंक्तियाँ कहीं थी-
अभी तो पर फैलाएँ है, उड़ान अभी बाकी है।
नाप लेने को तो सारा आसमान अभी बाकी है।
पंख भले हो जाए जर्जर मगर हौंसला कायम हो,
बाधाओं से कह दो मुझमें जान अभी बाकी है।
प्रखर की प्रखरता कायम रहे। देश की दुआएँ।
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