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15 अप्रैल 2013

अलग रह रहे ससुराल वाले घरेलू हिंसा के दायरे में नहीं


gavel-book-adaalatघरेलू हिंसा अधिनियम, किसी भी परिवार के उन सदस्यों पर लागू नहीं होता, जो दंपति से दूर रहते हों। यानी ससुराल पक्ष के लोगों से अलग अपने पति के साथ रह रही कोई महिला इस कानून के तहत यह कहकर सुरक्षा की मांग नहीं कर सकती कि उसे ससुराल वालों द्वारा तंग किया जा रहा है।
यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीपी मित्तल ने भारतीय मूल की अमेरिकी महिला नागरिक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह की शिकायत करने वाली महिला को घरेलू हिंसा अधिनियम के बजाय भारतीय दंड संहिता के तहत संरक्षण मिल सकता है।
अदालत ने पीड़ित महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने ससुराल पक्ष के लोगों से जान को खतरा बता सुरक्षा दिलवाने की मांग की थी।
अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता महिला शादी के तुरंत बाद अमेरिका चली गई थी और उसकी शादी में ससुराल पक्ष के लोग शामिल भी नहीं हुए थे। साथ ही महिला अमेरिका से लौट कर दिल्ली में रह रही है और उसके ससुराल पक्ष के लोग मुंबई में रहते हैं। ऐसे में महिला के साथ उसके घरेलू हिंसा अधिनियम के दायरे में उसका पति आता है, न कि अन्य ससुराल पक्ष के लोग।

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