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06 अप्रैल 2013

अमेरिका को है पक्का यकीन, नॉर्थ कोरिया कर सकता है मिसाइल हमला

सिओल। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है अमेरिका को जरा भी आश्चर्य नहीं होगा अगर नॉर्थ कोरिया मिसाइल हमला कर दे। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जे कार्ने ने कहा है कि नॉर्थ से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।
 
वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने चीन से आग्रह किया है कि वह अपने प्रभाव का फायदा उठाकर कोरियाई प्रायद्वीप मामले में हस्तक्षेप करे। पांच दिन के दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने बीजिंग से अनुरोध किया है कि नॉर्थ कोरिया पर उत्तेजक बयान न देने के लिए दबाव डाले और साउथ कोरिया के साथ बातचीत करने को कहे। 
 
 
क्यूबा क्रांतिकारी और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति से विचलित हैं। उन्होंने नॉर्थ कोरिया को संयम बरतने और युद्ध न करने की हिदायत दी है। क्यूबा के सरकारी मीडिया ने फिदेल के हवाले से लिखा है कि दोनों कोरियाई देशों के नागरिकों को अकारण ही बलिदान देना होगा। जिससे उनका कोई फायदा नहीं होगा।
 
86 वर्षीय कास्त्रो ने नॉर्थ कोरिया से कहा कि अपनी तकनीक क्षमता और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के साथ यह नहीं भूलना चाहिए कि देश के प्रति हमारा कुछ कर्तव्य है।
 
दूसरी ओर, नॉर्थ कोरिया ने रूस, चीन और ब्रिटेन सहित अन्य देशों से साफ कहा है कि वे अपने दूतावास 10 अप्रैल तक बंद कर दें। इसके बाद इन देशों के राजनयिकों और वहां काम कर रहे उनके नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। उत्‍तर कोरिया की चेतावनी के बाद भारत को भी अपना दूतावास बंद करना पड़ सकता है।
 
एक ब्रिटिश राजनयिक ने बताया कि प्योंगयांग ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के दूतावासों से बंद करने की योजना मांगी है। वियना कन्वेंशन के तहत मेजबान देश को वहां स्थित दूतावासों के कर्मचारियों को देश से सुरक्षित निकालना होता है। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को मोबाइल लॉन्चर्स पर एक और मिसाइल तैनात कर दी। दक्षिण कोरियाई न्यूज एजेंसी योन्हाप के अनुसार, ट्रेन से मिसाइल पूर्वी तट पर पहुंचाई गई। 
 
इसके पहले भी उसने एक मिसाइल तैनात की थी। अटकलें हैं कि उत्तर कोरिया ने इन मिसाइलों का अभी परीक्षण नहीं किया है। दक्षिण कोरिया ने भी संभावित हमले से बचाव के लिए विध्वंसक तैयार रखा है। उत्तर कोरिया की कार्रवाई से दक्षिण के बाजारों में घबराहट भी देखी गई। वहां बड़े वित्तीय अधिकारियों ने आर्थिक संकट की चेतावनी दी है। दक्षिण कोरिया के बैंकों और वित्तीय नियामकों की शुक्रवार को आपात बैठक हुई। इसमें भावी संकट पर विचार किया गया। 
 
उधर, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव के बीच ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों विवाद को दुनिया बड़ी महाशक्तियों के साथ बातचीत से सुलझाना चाहता है। परमाणु कार्यक्रमों को लेकर पश्चिमी देशों के आंखों की किरकिरी बना ईरान कजाखस्तान के अलमाटी में दुनिया की छह बड़ी शक्तियों से दूसरे दौर की बातचीत कर रहा है।
 
 
इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की संभावना को बल मिला है। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रमों को लेकर बातचीत कर रहे हैं। उन्हें शक है कि तेहरान परमाणु बम बना रहा है। हालांकि ईरान ने इन सभी बातों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका इरादा ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना है।

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