न्यूयार्क. पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में होने वाले अमेरिकी
ड्रोन हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच में पहले से ही गुप्त समझौता हो
गया था। इस समझौते के मुताबिक पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा था कि वह भारत
में आतंकी वारदातों के लिए बने ट्रेनिंग कैंपों और पाकिस्तानी परमाणु
रिएक्टरों से दूर रहेगा। 'न्यूयार्क टाइम्स' ने रविवार को यह खबर दी है कि
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने
2004 में एक वार्ता के बाद यह गुप्त समझौता किया था।
अखबार ने कहा है कि पाकिस्तानी खुफिया विभाग के अधिकारियों ने जोर
देकर कहा था कि अमेरिका के मानवरहित ड्रोन विमान सिर्फ कबाइली इलाकों के
सीमित भागों में ही हमले कर सकेंगे। इसके अलावा वे पाकिस्तानी परमाणु
केन्द्रों और भारत में हमलों के लिए कश्मीरी आतंकवादियों के प्रशिक्षण के
लिए इस्तेमाल हो रहे पहाड़ी शिविरों में उड़ान नहीं भरेंगे। पाकिस्तान नहीं
चाहता था कि अमेरिकी सैनिक इन जगहों पर जाएं।
खबर के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिका को हर
ड्रोन हमले की मंजूरी दी जाएगी लेकिन हमले की जगह पहले से तय होगी। इसका
मतलब है कि ड्रोन हमलों पर हायतौबा मचाने वाला पाकिस्तान इतना सालों तक
सिर्फ दिखावा कर रहा था।
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