इंदौर। प्रेम विवाह के बाद शादी करने वाले शिक्षक-शिक्षिका को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश हाई कोर्ट ने पुलिस को दिया है। शिक्षिका के पिता की धमकी के कारण दोनों ने कोर्ट की शरण ली है।
महेश निंगवाल पिता बद्दूसिंह (32) निवासी बडग़ांव (मनावर) धार में 23 वर्षीय शिक्षिका के यहां किराएदार था। उनमें पांच साल से मित्रता थी। इससे शिक्षिका के पिता नाराज थे। दोनों ने 19 मार्च को इंदौर आकर भागीरथपुरा स्थित आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली।
यह बात पता चलने पर युवती के पिता ने दोनों को घर बुलाया। नहीं आने पर बेटी को संदेश पहुंचाया कि वह पति के खिलाफ जबरदस्ती शादी करने की रिपोर्ट लिखाए। महेश को डर है कि ससुर अप्रिय घटना करवा सकते हैं। इस कारण दोनों छिपकर अलग-अलग रह रहे हैं।
पुलिस पर भी लगाया आरोप
दोनों ने अधिवक्ता के.के. कुन्हारे व काशू महंत के माध्यम से आईजी, धार के एसपी, सीएसपी व थाना प्रभारी को पक्षकार बनाते हुए इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की। उसमें कहा गया कि वे बालिग हैं और उन्हें जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। यह भी कहा कि पुलिस शिक्षिका पर पति के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रही है और उनके साथ अप्रिय घटना घट सकती है।
अत: उन्हें सुरक्षा दिलाई जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एस. सी. शर्मा ने धार पुलिस को आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं के साथ जबरदस्ती नहीं की जाए। वे आवेदन देते हैं तो दोनों को सुरक्षा दी जाए। अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 6 मई को होगी।
दोनों ने अधिवक्ता के.के. कुन्हारे व काशू महंत के माध्यम से आईजी, धार के एसपी, सीएसपी व थाना प्रभारी को पक्षकार बनाते हुए इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की। उसमें कहा गया कि वे बालिग हैं और उन्हें जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। यह भी कहा कि पुलिस शिक्षिका पर पति के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रही है और उनके साथ अप्रिय घटना घट सकती है।
अत: उन्हें सुरक्षा दिलाई जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एस. सी. शर्मा ने धार पुलिस को आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं के साथ जबरदस्ती नहीं की जाए। वे आवेदन देते हैं तो दोनों को सुरक्षा दी जाए। अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 6 मई को होगी।
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