आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

07 अप्रैल 2013

...मेरे इस देश को यूँ कुर्सी के मंगतों की तरह बदनाम न करो यारों .......

दोस्र्तों इन दिनों भारतीय राजनीति में देश के नेता भारत और भारत के हालातों पर कम और एक दूसरी सियासी पार्टियों के अन्दर ज्यादा झाँक रहे है ....एक दुसरे की आलोचना में अपना वक्त ज्यादा बर्बाद कर रहे है उनका कोई विजन नहीं कोई सोच नहीं कोई राजनितिक समझ नहीं बस कुर्सी तक केसे पहुंचे उनका यही एक सपना है ..देश के लियें क्या करेंगे ..देश को महंगाई से केसे बचायेंगे कोई फार्मूला नहीं कोई सुझाव नहीं बस हमे प्रधानमन्त्री बना दो हमे प्रधानमन्त्री बना दो हमें प्रधामंत्री बना दो बेशर्मी से कहते फिर रहे है ......अभी हाल ही में कोंग्रेस की तरफ से जहाँ गये वहां का चुनाव हारकर आने वाले राहुल जी ने भारत के नाम पर मधु मक्खी का छत्ता कहकर तुलना क्या कर दी भाजपा के सभी कम रुक गए और मधुमक्खी के पिच्चे पढ़ गए ..देश का मिडिया भी उफ़ और कोई कम नहीं बस मधुमक्खी के छत्ते के विवाद को ही बढ़ा दाल .....राजनीति में अगर पढ़े लिखे आदमी को टिकिट देकर नेता बनाया जाता पत्रकारिता में अगर न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता होती तो शायद यह मुसीबत इस देश को झेलना नहीं पद्धति ....एक गाँव का किसान जो मधु मक्खी का छत्ता बनाकर अपना व्यापार करता है वोह जानता है के मधुमक्खी अपना छत्ता कितनी मुसीबत और कितनी महनत से बनाती है एक मधुमक्खी का झुण्ड सुरक्षा करता है ..दूसरा झुण्ड पानी लाता है ..तीसरा खबरें लाता है और बाक़ी मधुमक्खियाँ मजे में सोती है या फिर शहद के लियें फूलों को चूसने के लियें निकल पद्धति है उनके पेट में जाकर गुदा से जब यह सब निकलता है तो उसी को हम शहद कहकर जिसे दुसरे शब्दों में हर बीमारी का इलाज का जाता है वोह निकलता है और छत्ता सुरक्षा के घेरे में होता है सभी मधुमक्खियाँ शराफत से अपना काम करती है लेकिन की अगर उन्हें छेड़ देता है तो फिर सभी मधुमक्खियाँ दुश्मन को लोटा लोटा कर और भगा भगा कर मारती है ..यही तो है हमारी भारत माँ ..यहाँ के लोग सुरक्षा करते है महनत करते है ..मिठास बांटते है एकता से रहते है मधुमक्खी कभी मधुमक्खी पर हमला नहीं करती यह उसका स्वभाव है लेकिन अगर दुश्मन छेड़ दे तो फिर सभी एक जुट होकर इस दुश्मन को नहीं छोड़ते है हमारा देश भी इसी स्वभाव का है सभी एक जुट है ..म्हणत क्ष है ..सुरक्षा करते है ..मिठास बांटते है लेकिन जो बुरी नज़र रखता उसे ऐसा सबक सिखाते है के वोह सदियों याद रखता है ..जी हाँ दोस्तों एक तरफ शहद दूसरी तरफ मोम और ना जाने क्या क्या मिलता है एकता से रहने का विचार मिलता है लेकिन जिन मोदी जी को भारत की एकता से नफरत है जो मोदी जी भारत को आपस में लड़ाकर तोड़ने की बात करते है उन मोदी जी को इस एकता वाले मधुमक्खी के छत्ते का फलसफा क्यूँ पसंद आएगा उन्हें मिठास बाँटने का फार्मूला क्यूँ पसंद आएगा और भारत माँ भी एक तरफ सुरक्षा करती है दूसरी तरफ एकता की बात करती है तीसरी तरफ मिठास बांटती है और जब कोई दुश्मन टेडी नज़र करता है तो उसपर काल बनकर टूट पद्धति है तो जनाब कोई तो समझाये इन सियासी नादानों को के देश को यूँ बदनाम न करो यारो देश के लिए कुछ काम करो यारों कुर्सी का क्या जब चाहो ले लेलेना पहले देश केसे चलाओगे यह विचार तो आम करो यारों ...........मेरे इस देश को यूँ कुर्सी के मंगतों की तरह बदनाम न करो यारों .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...