रात के ख्वाबों की ताबीर तुझे बताऊँ कैसे
बेरंग जिंदगी को हसीं रंगों से सजाऊं कैसे
जीवन के कैनवास पर रंगों का मेला है
मजबूरियों की ओट से मैं हट जाऊं कैसे
मेरी नींद सर्द रातों से बैर रखती है
जागती आँखोंमें हसीं ख़्वाब सजाऊं कैसे
बेखबर थे तो गुलाब भी चोट दे गए हमको
होश ओ हवास में खुद का दर्द बताऊँ कैसे
चांदनी रात में मैं भीग जाऊं कैसे
बारिश से भला जंग कर जाऊं कैसे
हो बेखबर खुद के मुकद्दर से लड़ पड़ी मैं
जो लकीरों में ना था उसे लिखवाऊं कैसे ........अंजना
रात के ख्वाबों की ताबीर तुझे बताऊँ कैसे
बेरंग जिंदगी को हसीं रंगों से सजाऊं कैसे
जीवन के कैनवास पर रंगों का मेला है
मजबूरियों की ओट से मैं हट जाऊं कैसे
मेरी नींद सर्द रातों से बैर रखती है
जागती आँखोंमें हसीं ख़्वाब सजाऊं कैसे
बेखबर थे तो गुलाब भी चोट दे गए हमको
होश ओ हवास में खुद का दर्द बताऊँ कैसे
चांदनी रात में मैं भीग जाऊं कैसे
बारिश से भला जंग कर जाऊं कैसे
हो बेखबर खुद के मुकद्दर से लड़ पड़ी मैं
जो लकीरों में ना था उसे लिखवाऊं कैसे ........अंजना
बेरंग जिंदगी को हसीं रंगों से सजाऊं कैसे
जीवन के कैनवास पर रंगों का मेला है
मजबूरियों की ओट से मैं हट जाऊं कैसे
मेरी नींद सर्द रातों से बैर रखती है
जागती आँखोंमें हसीं ख़्वाब सजाऊं कैसे
बेखबर थे तो गुलाब भी चोट दे गए हमको
होश ओ हवास में खुद का दर्द बताऊँ कैसे
चांदनी रात में मैं भीग जाऊं कैसे
बारिश से भला जंग कर जाऊं कैसे
हो बेखबर खुद के मुकद्दर से लड़ पड़ी मैं
जो लकीरों में ना था उसे लिखवाऊं कैसे ........अंजना
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