नई दिल्ली. नक्सलियों का क्रूर चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ
है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मौजूद चिंतलनार गांव के पास ताड़मेटला
के जंगलों में 6 अप्रैल, 2010 की सुबह सुरक्षा बलों पर हुए अब तक के सबसे
बड़े नक्सली हमले का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। इस हमले में सीआरपीएफ के 75 और छत्तीसगढ़ पुलिस के
एक जवान को शहादत देनी पड़ी थी। हमले के करीब तीन साल बाद नक्सलियों ने एक
वीडियो फुटेज जारी किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि उन लोगों ने किस
तरह से हमले को अंजाम दिया। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि किस तरह से
हमले के बाद घने जंगलों में बने अस्थायी मेडिकल कैंप में नक्सलियों का
इलाज किया जा रहा है।
वीडियो में वह फुटेज भी दिखाया गया है जिसमें हमले के बाद नक्सली
सुरक्षा बलों के पास मौजूद आधुनिक बंदूकें, मशीन गन और गोला बारूद लूट रहे
हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो के सूत्रों के मुताबिक वीडियो को बहुत ही पेशेवर
तरीके से तैयार किया गया है और इसका इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के दूरदराज के
गांवों में लोगों को दिखाने के लिए किया गया होगा। खुफिया तंत्र के सूत्रों
का मानना है कि ग्रामीणों को वीडियो दिखाकर नक्सली उनके मन में दहशत पैदा
करना चाहते होंगे ताकि वे सुरक्षा बलों की मदद के बारे में न सोचें।
मुठभेड़ के दौरान 8 नक्सली भी मारे गए थे। सीआरपीएफ की जिस टुकड़ी पर
हमला हुआ वह एक ऑपरेशन से वापस अपने बेस की तरफ लौट रही थी। तत्कालीन
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक बयान में कहा था कि सीआरपीएफ की टीम
ने जाते समय जिस रास्ते को अपनाया था, लौटने के लिए भी टीम ने उसी रास्ते
को चुना। चिदंबरम के मुताबिक यह गलती सीआरपीएफ की उस टुकड़ी पर भारी पड़ी।
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