आपका-अख्तर खान

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06 अप्रैल 2013

दोस्तों बात छोटी सी है लेकिन जो बात है उसने मेरे सियासी शऊर को झकझोरा है

दोस्तों बात छोटी सी है लेकिन जो बात है उसने मेरे सियासी शऊर को झकझोरा है ........इसलियें आप से शेयर करना पढ़ रहा है ..आज एक जगह कोटा के कुछ कोंग्रेसी जमा थे ज़ाहिर है जहाँ कोंग्रेसी जमा होंगे वहन मुस्लिमों की संख्या अधिकतम होगी ..यहा भी यही हाल था ..सभी मुस्लिम भाई जो करीब तीस तीस सालों से कोंग्रेस से जुड़े है पहले भी नेताओं के चक्कर काटते थे आज भी चकर काट रहे है ..जिंदाबाद मुर्दाबाद के काम आते है घर बार कोंग्रेस और भाईसाहब के लियें छोड़ रखा है ..घरवाले सब्जी ..दूध का इन्तिज़ार करते है लेकिन यह सभी जनाब बिना किसी कम के भाई साहब के साथ या फिर पार्टी के कम से व्यस्त रहते है इसलियें इन्हें बच्चों और परिवार के लियें वक्त नहीं है ...रोजमर्रा इधर से उधर शहर भर में एक दुसरे की चुगली ..एक दुसरे की मुखबिरी करना इनका काम है और जब से होश सम्भाला है कोंग्रेस और भाई साहब से जुड़े है लेकिन घर की माली हालत जेसी थी अब वेसी भी नहीं है खुद की निजी समस्याएं बरकरार है ..बेरोज़गारी है और जीने के लियें झूंठी शान के हम सत्तापक्ष के कोंग्रेसी है और वोह भी ज़िम्मेदार नेता के खासमखास है दोस्तों इन लोगों को में ही नहीं कोटा के सभी लोग कई सालों से ऐसी ही जिंदगी जीते हुए देख रहे है .......ऐसे में एक सज्जन आते है और व्यवधान डालते हुए इन कोंग्रेसी मुस्लिम बंधुओं की घिसी पीती हालत और कोंग्रेस के प्रति समपर्ण देख कर कहते है भाई अगर तुम्हे कुछ बनना है ..कुछ सियासी तोर हांसिल करना है तो बस कुछ दिन के लियें गुमनाम हो जाओ कोंग्रेस और नेता को नज़र न आओ हालात ऐसे होंगे के नेता बिचारा अकेला पढ़ जाएगा क्योंकि हर कार्यक्रम में हर जगह मूलमं कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा होती है नेता भी कहते है मुस्लिम समाज के लोगों को एक बुलाओ तो सो आते है जब के दुसरे समाज के सो बुलाओं तो एक आते है लेकिन वोह एक है तो नेक है और यह सो है तो भी बेकार बेरोजगार है कहने को तो यह नेता है कार्यकर्ता है लेकिन इनके घर की हालत तरस खाने जेसी है बात तो हमे भी सही लगी के अगर कोटा के मुस्लिम कोंग्रेसी दस दिन के लियें भी छुट्टी पर चले जाए तो कोंग्रेस का यहाँ क्या हाल होगा ....में कुछ बोलता इसके पहले ही एक कोंग्रेसी नेता ने कहा के भाई उत्तर प्रदेश .बिहार ..उड़ीसा ...सहित कई ऐसे राज्य है जहाँ मुसलमान कोंग्रेस से अलग हुए तो आज वहन कोंग्रेस का नामलेवा भी नहीं नज़र आता है मेने चुनाव आयोग के आंकड़े देखे तो बिलकुल सही साबित हुए .....आपकी राय इस बारे में क्या है प्लीज़ बताइयेगा जरूर .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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