नई दिल्ली। पाकिस्तान में सरबजीत पर हमला, चीन की बढ़ती घुसपैठ और कोयला घोटाले पर संकट में घिरती दिख रही केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार
को बड़ी राहत मिली है। 1984 सिख दंगा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया है। हालांकि पांच
अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। महिंदर यादव, बलवान खोखर, कृष्ण
खोखर, कैप्टन भामल और गिरधारी लाल को दोषी ठहराया गया है। इन पर हत्या,
डकैती, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, समुदायों के बीच द्वेष फैलाने, आपराधिक
षड्यंत्र रचने के आरोप हैं। अदालत के फैसले से नाखुश एक दंगा पीडित ने
कहा, 'मेरे पिता सोहन सिंह और जीजा को दंगाइयों ने जिंदा जला दिया था।
सज्जन कुमार ने दंगाइयों को उकसाया तो भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला कर दिया
था। हम गुरुद्वारे को बचाने गए तो दंगाइयों ने हमारे ऊपर हमला कर दिया
था।' ()
अदालत का यह फैसला आते ही कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन (
शुरू हो गया है। हंगामा बढते देख रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती कर दी गई
है। फैसला सुनाने वाले जज पर एक शख्स ने जूता फेंककर अपने विरोध का इजहार
किया। जज पर जूता फेंकने वाले शख्स करनैल सिंह को हिरासत में ले लिया गया
है। करनैल सिंह के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल का मकसद जज को चोट
पहुंचाना नहीं बल्कि यह महज विरोध प्रदर्शन का तरीका था। इस घटना की एक
गवाह और याचिकाकर्ता जगदीश कौर कड़कड़डूमा कोर्ट में ही धरने पर बैठ गई
हैं। उनकी जिद है कि जब तक उनके हक में फैसला नहीं आ जाएगा, तब तक वह कोर्ट
परिसर से बाहर नहीं जाएंगी।
सज्जन कुमार अदालत का फैसला सुनने के बाद रो पड़े। मामला दिल्ली कैंट इलाके में हुए कत्लेआम से जुड़ा है जिसमें सज्जन कुमार पर सिखों का कत्लेआम करने वाली भीड़ को उकसाने के आरोप लगे थे।
दंगे में मारे गए एक शख्स के परिजन ने कहा कि अदालत के फैसले से
उन्हें बेहद निराशा हुई है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस फैसले की
निंदा होनी चाहिए। हम केवल यही उम्मीद करते हैं कि ईश्वर दोषियों को सजा
देगी। दंगा पीडितों के परिजन ने कहा है कि वह अदालत के फैसले को हाई कोर्ट
में चुनौती देंगे। दंगा पीडितों के परिजनों ने आज के दिन को 'ब्लैक डे'
घोषित किया है।
कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर एक प्रदर्शनकारी का कहना था, 'हमें पता है
कि आगे क्या होगा। कुछ भी नहीं बदलेगा और सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर
देगी।' एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'जब तक इस देश में कांग्रेस का राज है तब
तक सिखों को इंसाफ नहीं मिल सकता।' वहीं एक और प्रदर्शनकारी ने कहा, 'आज का
दिन हिंदुस्तान के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।' कुछ
प्रदर्शनकारियों ने 'शीला दीक्षित हाय-हाय..., सज्जन कुमार मुर्दाबाद...
के नारे भी लगाए।
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