रांची। गलत आदतों के शिकार हमारे युवा भटक रहे हैं। पढऩे-लिखने
की उम्र में पाश्चात्य देशों की तर्ज पर अपनी जिंदगी को खुद जोखिम में डाल
रहे हैं। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, बाइक राइडिंग, स्टंट और फैशन का दीवाने यूथ
सेक्शुअल प्रवर्जन के भी शिकार हो रहे हैं।
ऐसे ही मामले में एक अप्रैल को 20 साल का युवक असलम परवेज (बदला हुआ नाम) गंभीर हालत में रिम्स पहुंचा। उसकी जान जोखिम में थी। इसके लिए वह खुद जिम्मेवार था।
ऐसे ही मामले में एक अप्रैल को 20 साल का युवक असलम परवेज (बदला हुआ नाम) गंभीर हालत में रिम्स पहुंचा। उसकी जान जोखिम में थी। इसके लिए वह खुद जिम्मेवार था।
हालांकि, रिम्स के सर्जनों ने मामले की गंभीरता को समझा और इमरजेंसी
ऑपरेशन कर उसे जिंदगी दी। युवक के पेट से जिस चीज को डॉक्टरों ने कड़ी
मशक्कत के बाद निकाला, वह था करीब दस इंच का डियोड्रेंट का बोतल। यह देखकर
डॉक्टरों की टीम हैरान रह गयी। बहरहाल, युवक को अपनी गलती पर पछतावा हुआ और
डॉक्टरों के समक्ष उसने इसे फिर से नहीं दोहराने की कसम खायी। युवक
हजारीबाग का रहनेवाला है। फिलहाल, उसका इलाज सर्जरी विभाग में डॉ शीतल
मलुवा की यूनिट में चल रहा है।
एनल और रैक्टम को पार करके बड़ी आंत में फंसा था बोतल
युवक की जान बचाने वाले डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह का यह केस अकेला
नहीं है। हम चिंतित हैं और शर्मसार भी। असलम की एक गलती ने हमें झकझोर दिया
है। वह कुछ भी बताने में झेंप रहा था। क्लीनिकल जांच में पता चला कि पेट
के अंदर कुछ है। एक्स-रे कराया गया तो पुष्टि हो गयी। हालांकि, इस दौरान
मरीज ने भी पेट में क्या है, यह इशारा कर दिया था। वह पेट दर्द, पेट में
सूजन और बेचैनी से परेशान था। पेट खुला तो बड़ी आंत में लंबा-सा बोतल फंसा
मिला। डॉक्टरों ने बड़ी ही सावधानी से उसे रेक्टम, एनल के रास्ते बाहर
निकाला, लेकिन ढक्कन अंदर ही छूट गया। फिर दुबारा मेहनत करनी पड़ी और ढक्कन
निकाला गया। बोतल करीब दो इंच मोटा और 9 से 10 इंच लंबा था। बोतल छह इंच
के एनल और रेक्टम को पार करते हुए बड़ी आंत में चला गया था।
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