आपका-अख्तर खान

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11 अप्रैल 2013

लिखो की लिखना है तुम्हें

लिखो की लिखना है तुम्हें
भारत का नव विधान .
कण कण में लिख दे
जमीं क्या आसमान .

जब ठन गयी तो ठन गयी
हर शक्श अब जवान
मजदूर क्या - मजबूर क्या
बच्चा हो या किसान .

लड़ना अगर अभीष्ट है
तन मन से लड़ मरो
है सामने वैरी जब्बर
वो कौन सा महान .

जय भारती - जय भारती
जय हो माँ भारती
इस देश की मिटटी नहीं
दुश्मन से हारती .

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