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27 अप्रैल 2013

हाईकोर्ट के आदेश: महिला उत्पीड़न की घटनाएं सख्ती से रोके सरकार


जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने महिलाओं व छात्राओं के उत्पीड़न व शोषण की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर इन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
 
न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश वीके माथुर की खंडपीठ ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित जयनारायण व्यास विवि के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार से संबंधित समाचार के संदर्भ में शनिवार को यह आदेश दिए।
 
ख्रंडपीठ ने हाल ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बनाम सुमति रमन मामले में जारी निर्देशों की विवेचना करते हुए शैक्षणिक संस्थाओं व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं व छात्राओं की पुख्ता सुरक्षा के लिए सरकार से कहा है कि वह कलेक्टर व एसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें। 
 
साथ ही छात्राओं की शिकायतों को लेकर प्रकाशित समाचार पर राज्य सरकार, जेएनवीयू के रजिस्ट्रार, जोधपुर पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी कर छह मई तक जवाब तलब किया है। इसके साथ ही जेएनवीयू के रजिस्ट्रार से पूछा है कि इस घटना के बाद आरोपियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए? इन सवालों का स्पष्टीकरण भी मांगा है।
 
जयपुर में 24 घंटे में तीन बेटियों से 
 
 
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारों को दिए ये निर्देश
 
1. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा थियेटर, शॉपिंग मॉल, पार्क, बीच, सार्वजनिक परिवहन व धार्मिक स्थल पर मॉनिटरिंग के लिए सादा कपड़ों में महिला पुलिस की तैनातगी सुनिश्चित की जाए।
 
2. ऐसे सभी स्थलों पर नीति बनाकर सीसीटीवी लगाए जाएं, ताकि ऐसी हरकत करने वाले अभियुक्तों की पहचान हो सके एवं उन्हें पकड़ा जा सके।
 
3. शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के संचालकों व प्रभारी वे अपने अधिकार क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन व महिला सहायता केंद्र को सूचना देंगे।
 
4. सार्वजनिक परिवहन के वाहन में यात्रा के दौरान अगर किसी यात्री द्वारा महिला या छात्रा के साथ छेड़खानी की जाती है तो उस लाइसेंसधारी वाहन चालक की जिम्मेवारी होगी कि महिला व छात्रा के बताने पर वाहन को सीधे नजदीकी पुलिस स्टेशन ले जाए। पीड़ित के बताने पर भी ऐसा नहीं करने पर परमिट निरस्त किया जाए।
 
5. सार्वजनिक वाहन के चालक व परिचालक एवं वाहन के स्टाफ द्वारा यदि किसी महिला यात्री के साथ छेड़छाड़ या र्दुव्‍यवहार करने की घटना हो तो पीड़िता की शिकायत पर पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
 
6.शहरों व कस्बों में महिला शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए अगले तीन माह में राज्य सरकारों को ‘वुमन हेल्पलाइन’ की स्थापना करनी होगी। जहां पर पीड़िता अपनी शिकायत बता सकें।
 
7.सार्वजनिक स्थान, शैक्षणिक संस्थाओं, बस स्टैंड, सिनेमा हॉल, समुद्र तट, व अन्य जगहों पर महिलाओं व छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व शोषण अपराध है। इसकी सूचना प्रदर्शित करने के लिए बोर्ड लगाने होंगे। साथ ही इस तरह की सूचना सार्वजनिक परिवहन के साधनों पर भी चस्पां करनी होगी।
 
8.महिलाओं व छात्राओं के साथ शोषण व छेड़छाड़ की घटनाओं की रोकथाम के लिए हाईकोर्ट ने कहा है कि यह जरूरी नहीं है कि पीड़िता ही सूचना देवें। हर नागरिक का कर्तव्य है कि अगर वह ऐसी घटना देखता है तो उसे पुलिस स्टेशन व महिला सहायता केंद्र को इसकी सूचना देनी चाहिए।

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