जयपुर.बिड़ला ऑडिटोरियम में चल रही 9वीं इंटरनेशनल वर्कशॉप
में देश-विदेश से करीब 1100 न्यूरो और ईएनटी सर्जन्स ने हिस्सा लिया। इसमें
25 पेशेंट्स को सर्जरी के लिए चुना गया था, लेकिन सिर्फ दो मरीजों की
सर्जरी संभव हो पाई है।
वर्कशॉप में कनाडा के न्यूरोसर्जन डॉ. अमीन कासम को विशेष रूप से
आमंत्रित किया गया है। उनसे सर्जरी सीखने के उद्देश्य से अधिकतर एक्सपर्ट्स
बारह घंटे तक ऑडिटोरियम में बैठे रहे। वर्कशॉप के दूसरे दिन भी जब डॉ.कासम
ने एक भी सर्जरी नहीं की तो डेलिगेट्स निराश हुए।
दो दिन में कोई सर्जरी नहीं की
डॉ. कासम पिछले आठ सालों से मुंबई आकर कैडेबर डिस्सेक्शन के जरिए
एंडोस्कोपी एंडोनेसल टेक्निक की मदद से सर्जरी कर रहे हैं। वर्कशॉप में
उन्हें सर्जरी करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति नहीं मिल
पाई। नियमों के मुताबिक, कॉन्फ्रेंस में कोई भी सर्जरी करने के लिए एमसीआई
से अनुमति मिलना जरूरी है। डॉ.अमीन कासम ने कहा, वर्कशॉप में सर्जरी करने
से बेहतर है डॉक्टर्स को सिखाना।
कैडबर के जरिए वे इन तीन दिनों में 1100 डॉक्टर्स को सिखा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस टेक्निक में ट्यूमर ऑपरेट करने के लिए ब्रेन को खोलने
की जरूरत नहीं पड़ती। नाक जैसी छोटी विंडो से वे ब्रेन तक पहुंच जाते
हैं।
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