आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

14 अप्रैल 2013

अपने अधर सिये बैठे हैं !


जिनको है अधिकार न्याय का
अपने अधर सिये बैठे हैं !
पौरुष,बल,साहस,संयम भी
आँखें बंद किए बैठे हैं !!
पावनता की कठिन समीक्षा
क्यूँ होती है ...
सीता की अगन परीक्षा
क्यूँ होती है ..?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...