जयपुर.बच्चियों को अवैध रूप से रखने के मामले में ग्रेस होम के संचालक जैकब जॉन को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया।
जैकब जॉन ने छह साल की दो बच्चियों को मालवीय नगर स्थित अपने घर ए-55
में अवैध रूप से रख रखा था। बच्चियों के बरामद होने के बाद वह फरार था।
मालवीय नगर थाना पुलिस सिविल ड्रेस में उसके घर के आसपास तैनात थी।
सोमवार को जैसे ही वह घर आया, पुलिस ने पकड़ लिया। जैकब पर मानसरोवर
थाने में भी बच्चियों को अवैध रूप से रखने और दुष्कर्म का तथा जवाहर सर्किल
थाने में अवैध रूप से ग्रेस होम संस्था चलाने का मामला दर्ज है।
बच्चियों को शोषण के लिए देता था दवा
मानसरोवर में ग्रेस होम का संचालक जैकब जॉन बालिकाओं के जल्द शारीरिक
विकास के लिए हार्मोनल दवाइयां देता था। जांच और काउंसिलिंग से जुड़े लोगों
का मानना है कि ऐसा शारीरिक शोषण के लिए ही किया जाता था।
ग्रेस होम से मुक्त कराई गई बाहरी राज्यों की बालिकाओं ने बाल कल्याण
समिति व बाल संरक्षण आयोग को चौंकाने वाली जानकारी दी है। उनके मुताबिक,
मणिपुर के अकरूल जिले की थोटरेमी (11) व सोयोरिन (11) की तबीयत खराब हो गई
थी। संचालक ने इसकी सूचना न तो बालिकाओं के परिजनों को दी और न ही उनका
उपचार कराया।
उपचार नहीं होने से दोनों बालिकाओं को टीबी हो गई और उनको परिजन घर ले
गए। वहां जाने के बाद थोटरेमी की 2009 व सोयोरिन की जनवरी 2013 में मौत हो
गई। दोनों ग्रेस होम में वर्ष 2002 से रह रही थीं। सोयोरिन के परिजनों ने
इसकी शिकायत मणिपुर के एनजीओ से की थी।
ऐसे हुआ खुलासा
> मणिपुर के एक एनजीओ को जयपुर में ग्रेस होम में नॉर्थ-ईस्ट के बच्चों को बंधक बनाने की सूचना मिली।
> एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना दिल्ली मुख्यालय पर दी।
फरवरी के अंतिम सप्ताह में मुख्यालय से जयपुर में संचालित एफएक्सबी इंडिया
सुरक्षा एनजीओ के कार्यकर्ताओं को मामले की जांच के निर्देश दिए गए।
> एफएक्सबी के कार्यकर्ताओं ने 11 मार्च तक ग्रेस होम की गतिविधियों पर नजर रखी।
> 12 मार्च को एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने बाल संरक्षण आयोग व बाल
कल्याण समिति के सहयोग से मानसरोवर व जगतपुरा में ग्रेस होम में दबिश दी।
> 27 बालिकाओं व 24 बालको को मुक्त कराया। जॉन के घर से दो बालिकाओं को मुक्त कराया।
हार्मोनल दवाओं के साइड इफेक्ट
पीडियाट्रिशियन डॉ. अशोक गुप्ता के मुताबिक हार्मोन वाली दवाओं के
सेवन से समय पूर्व शारीरिक बदलाव आते हैं। डॉक्टर की सलाह के बगैर ऐसी
दवाओं के अनियमित प्रयोग से बच्चों को दूसरी कई शारीरिक परेशानियां मसलन
हाइट कम रहना, मोटापा, ब्लड प्रेशर आदि कई बीमारियां हो जाती हैं।
बच्चों को परिजनों व कल्याण समिति को सौंपा
बाल कल्याण समिति ने 51 बच्चों को मुक्त कराया था। जैकब जॉन के घर से
दो और बालिकाओं को मुक्त कराया। 38 बच्चों को परिजनों व संबंधित राज्य की
बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। शेष 15 बच्चों को लेने नगालैंड पुलिस व बाल
कल्याण समिति के पदाधिकारी जयपुर आए हैं।
रिश्तेदार के माध्यम से लाता था ग्रेस होम में बच्चे
जैकब जॉन का एक रिश्तेदार मणिपुर में बालगृह चला रहा है। जॉन ने उसी
के जरिए उत्तर-पूर्वी राज्यों के गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा
देने और ठीक से ख्याल रखने का झांसा दिया। इसके बाद वहां से बच्चों को
जयपुर लाया गया। जयपुर में जॉन 1996 से अवैध रूप से ग्रेस होम का संचालन कर
रहा है।
जैकब जॉन दो साल से कर रहा था ज्यादती
आरोपी जॉन पिछले दो साल से नगालैंड की 17 वर्षीय किशोरी के साथ
ज्यादती कर रहा था। इस संबंध में मानसरोवर थाना पुलिस ने पीड़ित को सोमवार
को कोर्ट नंबर 17 में मजिस्ट्रेट के सामने बयानों के लिए पेश किया।
उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को बालिकाओं को मुक्त कराया गया था। पुलिस पूछताछ
में पीड़िता व अन्य बालिकाओं ने ज्यादती की बात बताई थी, लेकिन पुलिस ने
मामले को दबा दिया।
बयानों के 15 दिन बाद भी पुलिस ने पीड़िताओं को मजिस्ट्रेट के सामने
पेश नहीं किया। थाना प्रभारी शिवरतन गोदारा ने बताया कि मामले की जांच की
जा रही है। पीड़ित बालिका के बयानों की प्रमाणित कॉपी के लिए कोर्ट में
आवेदन किया जाएगा। उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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