आपका-अख्तर खान

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13 अप्रैल 2013

मेरा दर्द मेरे सीने मे

मेरा दर्द
मेरे सीने मे
कील की ही तरह
चुभा दिया गया
इतनी गहराई से कि
मै चिल्ला भी नहीं सकी
मेरा दर्द
कमरे में खामोश
फ़र्श पर पडा रहेगा
तब तक ,जब तक
शांति की कालीन बिछी रहेगी
दर्द खामोश रहेगा
कालीन उठते ही दर्द
चीखने चिल्लाने लगेगा
मेरा दर्द
दीवार पर चढी उस
बेल की तरह है जो
हर बार आकाश पर
चढने उतरने की कोशिश मे
लुढक जाती है जमीन पर ........सरिता

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