मास्को. रूस की राजधानी मास्को के उत्तर में एक गांव के
पागलखाने में शुक्रवार को आग लगने से 38 लोगों की मौत हो गई। रामेन्सकी
गांव में बने इस पागलखाने में लगी आग से मरने वाले ज्यादातर मरीज हैं। रूस
के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग सलागे के मुताबिक आग भारतीय समयानुसार
तड़के चार बजे लगी थी। घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग के कर्मचारी
मौके पर पहुंचे और उन्होंने कुछ घंटों की मेहनत के बाद आग पर काबू पा
लिया। रूस में चिकित्सा संस्थानों में आग लगने की घटनाएं आम है। पिछले सात
सालों में आग लगने के कम से कम 18 मामले दर्ज किए गए हैं। 2009 में रूस के
कोमी में वृद्ध आश्रम में लगी आग से 23 लोग मारे गए थे। (
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 अप्रैल 2013
श्मसान बना पागलखाना, नींद में ही जिंदा जल गए 36 मरीज
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