अजमेर। अजमेर के जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा आयोजित की गई
स्टेनो व लिपिक भर्ती परीक्षा में छह-छह लाख रुपए में पद बेचे जा रहे थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों के नाम सामने
आ चुके हैं जिन्होंने पद के लिए मोटी रकम दी, इनमें से सात अजमेर के हैं।
जांच में खुलासा हुआ है कि तीन तीन लाख रुपए एडवांस ले लिए गए थे,
बाकी की रकम नियुक्ति की अंतिम सिफारिश के बाद लिए जाने तय हुए थे। आरोपी
वकील अभ्यर्थियों से एडवांस लेने के बाद उन्हें नियुक्ति की गारंटी देता
था।
एसीबी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अदालत में नाजिर राजेश शर्मा और
उसके लिपिक भाई हितेश शर्मा, दलाल अब्दुल रज्जाक और वकील हेमराज कानावत से
की गई पूछताछ में बुधवार तक ऐसे दस अभ्यर्थियों के नाम सामने आ गए थे
जिन्होंने भर्ती के लिए रिश्वत की मोटी रकम दी थी। चारों आरोपियों को एसीबी
रिमांड पर लेने के बाद गहन पूछताछ के लिए जयपुर ले गई।
वहां मुख्यालय पर इनसे अलग-अलग पूछताछ कर क्रास चैक किया जा रहा है।
अब तक की पूछताछ में राजेश शर्मा और उसके भाई हितेश शर्मा ने पंद्रह और
अभ्यर्थियों के नाम उगले हैं। इन्होंने एसीबी को जानकारी दी कि भर्ती के
लिए सभी अभ्यर्थियों से तीन तीन लाख रुपए एडवांस लिए गए थे, बाकी की रकम
नियुक्ति की सिफारिश के समय ली जानी थी।
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