वर्किंग प्लेस पर महिलाओं का उत्पीड़न नहीं रुक रहा है और सबसे ज्यादा
मामले तो सरकारी दफ्तरों से सामने आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले पहले एमटीएनएल में महिला कर्मचारी को जबरन अश्लील वेबसाइट दिखाने
का मामला सामने आया था तो अब आकाशवाणी में 25 लेडी रेडियो जॉकीज के यौन
उत्पीड़न का खुलासा हुआ है। इस मामले में प्रसार भारती ने दो कर्मचारियों को
बर्खास्त और एक को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही केंद्र के निदेशक को
नोटिस जारी कर पूरे मामले में जवाब मांगा है।
जानकारी के अनुसार, पिछले महीने आकाशवाणी की 25 से ज्यादा महिला
रेडियो जॉकी ने इस बात की शिकायत की थी कि उन्हें काम और वेतन को लेकर
भेदभाव का शिकार बनाया जा रहा है। इन आरजे ने यह भी आरोप लगाया था कि
उन्हें पिछले दो सालों से संकेतिक रूप से यौन संबंध बनाने को मजबूर किया जा
रहा है। आरजे ने अपनी यूनियन एआइआरबीपीए के जरिए सूचना एवं प्रसारण
मंत्रालय एवं दिल्ली महिला आयोग से मामले की शिकायत की थी। इसके बाद प्रसार
भारती एवं मंत्रालय ने मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी थी। मामले को लेकर
दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है जिसकी सुनवाई मई
में होगी।
सोमवार को प्रसार भारती के सीइओ जवाहर सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एक
नोट में ड्यूटी ऑफिसर एन के वर्मा और शीले को तत्काल प्रभाव से पद से
बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा एफएम गोल्ड के प्रोग्रामिंग एक्सीक्यूटिव
दानिश इकबाल को जांच को प्रभावित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही केंद्र के निदेशक एल एस वाजपेयी को मामले की शिकायत मिलने के
बावजूद कोई कार्रवाई न करने के कारण नोटिस जारी किया गया है। प्रसार भारत
के सदस्य (कार्मिक) बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) वीएएम हुसैन ने आदेश जारी
करते हुए कहा कि मामला काफी गंभीर है और यह सार्वजनिक सेवा प्रसारणकर्ता की
खराब छवि प्रस्तुत करता है।
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