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31 मार्च 2013

क्या कोई अपनी बेटी की लाश के साथ ऐसा कर सकता है?


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जौनपुर. यहां के बक्शा थानाक्षेत्र में 26 मार्च को हुए एक विवाहिता की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने पर अब लड़की के परिजनों ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी हैं। लड़की के परिजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष एफआईआर दर्ज करने के बजाए समझौते का दबाव बना रहे हैं। 
 
दरअसल 26 मार्च को 20 वर्षीय सायमा की मौत हो गई थी। सायमा के परिजनों का आरोप है कि उसका पति खुर्शीद कुरैशी नशाखोरी करता है और शराब के लिए हमेशा अपनी पत्नी को पीटता रहता था। बीती 25 मार्च को भी उसने सायमा द्वारा पैसे न देने पर उसकी बुरी तरह पिटाई की जिससे उसका गर्भ गिर गया और दांत व घुटने टूट गए।
 
सायमा के बच्चों को खुर्शीद के परिजनों ने दफन कर दिया और उसे जौनपुर के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी खराब हालत को देखते हुए उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया गया। सायमा को आनन-फानन में बनारस के अस्पताल के पॉपुलर अस्पताल में भर्ती कराया गया। खराब हालत को देखते हुए सायमा के परिजनों को जानकारी दी गई। सायमा के परिजनों जब पहुंचे तो उसकी अंतिम सांसे चल रही थी। उसने अपने परिजनों को बताया कि मौत के लिए उसका पति खुर्शीद, भाई शकील और जाहेदा और मोफीद नाम की महिलाएं जिम्मेदार हैं। 
 
परिजन लाश को लेकर बक्शा थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। थानाध्यक्ष रमेश यादव ने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया। परिजनों के दबाव के बाद अगले दिन लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद भी थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज नहीं की। यहि नहीं रात में कुछ लोग उनके घर भी आए और समझौता करने का दबाव बनाया। सायमा की लाश को उसके पैतृक गांव उसरेठा में दफन कर दिया गया। लेकिन परिजनों के कई बार तहरीर देने के बाद भी संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की जिसके बाद अब एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया है। 
 
दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने जब इस बारे में एसएचओ बक्शा रमेश यादव से बात की तो उनका कहना था कि पीड़िता की लाश को मौत के बाद चोट पहुंचाई गई है। पोस्टमार्ट रिपोर्ट में मौत का कारण बीमारी और अधिक खून बहना बताया गया है। परिजन झूठा मुकदमा दर्ज करने का दबाव बना रहे हैं इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। वहीं परिजन सवाल करते हैं कि क्या कोई भी अपनी बेटी की लाश के साथ ऐसा कर सकता है?
 
पूरे मामले में जौनपुर के एसपी बाल करण एस यादव का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में है लेकिन अभी तक परिजनों ने उनके पास कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर वह एफआईआर दर्ज करवाएंगे और यदि एसएचओ ने कोई गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।

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