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16 मार्च 2013

मोस्ट वांटेड नक्सली को हुआ 'इश्क', प्रेमिका को साथ लेकर छोड़ दिया जंगल

 

 
रायपुर। नक्सली हिंसा को हथियार नहीं प्रेम से शिकस्त दी जा सकती है। तभी तो छत्तीसगढ़ में एरिया कमांडर ने प्रेम की खातिर साथियों से भी बगावत करने में गुरेज नहीं किया।
 
नक्सली नेताओं ने जन अदालत लगाकर उसे प्रताड़ित किया। जान से मारने तक की धमकी दे डाली। उसका गुनाह था, गांव की एक युवती से प्रेम, जिससे वह शादी कर घर बसाने के सपने देखता था।
 
जब उसके आकाओं ने एक न सुनी तो विचारधारा पीछे छूटी और मोहब्बत जीत गई। उसने प्रेमिका को साथ लिया और जंगल छोड़ दिया। 
 
साउथ बस्तर डिविजनल कमेटी का मलांगीर एरिया कमांडर बदेरू पोड़ियामी अब नक्सलियों के साथ नहीं है। वह मुख्यधारा में जगह तलाश रहा है। बीजापुर के गंगालूर थाना स्थित ग्राम पुस्नार का 30 वर्षीय युवक बदेरू 13 साल से सरकार के खिलाफ संघर्ष छेड़े हुए था।
 
पुलिस और सीआईएसएफ के विरुद्ध उसने दर्जनों ऑपरेशन अंजाम दिए। इससे खुश होकर नक्सलियों ने उसे किरंदुल की पहाड़ियों में मलांगीर एरिया कमेटी का कमांडर बना दिया। वहां उसे हरौली गांव की सुक्खी से प्रेम हो गया। दोनों पुलिस और नक्सलियों से छिप-छिपकर मिलते रहे। फिर शादी का फैसला कर लिया।
 
इस पर सुक्खी ने बदेरू को नक्सलियों का साथ छोड़ने के लिए कहा। वह मान गया और अपने अधिकारियों को यह बात बताई। बस्तर डिविजन के सभी प्रमुख नक्सली नेता यह सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने जन अदालत बुलवाई। इसमें बदेरू को माओवाद की विचारधारा का हवाला देकर खूब प्रताड़ित किया गया।
 
घंटों जिल्लत सहने के बाद भी वह नहीं टूटा। उसने मन ही मन संकल्प लिया और बिना किसी को कुछ बताए सुक्खी के साथ वहां से भाग निकला।
 
मोस्ट वांटेड कमांडर है बदेरू
 
बदेरू 17 साल की उम्र में पहले संघम का सदस्य बना फिर दलम का। कड़ी ट्रेनिंग और माओवाद का पाठ पढ़ने के बाद वह तैयार हुआ था। नक्सली नेताओं का भरोसा जीतकर दलम कमेटी का मुख्य सदस्य हो गया। उसके अंडर में 100 से ज्यादा दलम सदस्य और 400 से ज्यादा संघम सदस्य थे।
 
दंतेवाड़ा एसपी नरेंद्र खरे ने बताया कि वह मोस्ट वांटेड कमांडर है। उसके नेतृत्व में मार्च 2010 में किरंदुल माइंस में सीआईएसएफ कैंप पर हमला हुआ। इसमें सात जवान शहीद हुए। बचेली में एक गाड़ी उड़ाई गई, जिसमें दो जवानों की जान गई।
 
जगदलपुर में एस्सार कंपनी की 30 गाड़ियों को आग लगवाई। दो साल पहले किरंदुल इलाके में सीआईएसएफ पर हमला बोला गया, जिसमें दो जवान शहीद हुए। वर्ष 2012 में फिर सीआईएसएफ पोस्ट पर हमला किया, जिसमें भी दो जवान शहीद हुए।
 
घरवाले कर रहे शादी की तैयारी
 
सुक्खी के घरवाले बदेरू से उसकी शादी की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर गांव में पंचायत बैठ चुकी है। आदिवासियों का रिवाज है युवक किसी युवती को लेकर भाग जाए, तो लौटकर उसे लड़की के घरवालों को भेंट देनी पड़ती है। इसके बाद पंचायत में शादी तय की जाती है।
 
छत्तीसगढ़िया है इसलिए प्रताड़ित
 
नक्सलियों के बड़े नेता आंध्र के हैं। वे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को पहले बरगलाकर नक्सली बनाते हैं, फिर प्रताड़ित करते हैं। मानव अधिकारों के हिसाब से शादी-ब्याह का हक सभी को है। बदेरू आत्मसमर्पण करता है तो पुलिस उसे मुआवजा देगी।
रामनिवास, डीजीपी, छग

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