बस मुसाफिरों ने बताया कि सुबह के समय सब सो रहे थे। इतने में जोरदार झटके से सभी की नींद खुल गई। कुछ पलों तक तो किसी को कुछ समझ ही नहीं आया। उन्होंने बताया कि जब वे कोलकाता से चले थे तो कभी नहीं सोचा था कि ऐसी दुर्घटना भी हो सकती है।
ट्रक ड्राइवर बलदेव सिंह ने बताया कि वह सुबह ट्रक को सड़क की साइड में लगाकर सामने फैक्टरी में बातचीत करने के लिए गया था। जैसे ही वह फैक्टरी से बाहर निकला तो एक बस तेजी से आती दिखी। देखते ही देखते ये उसके ट्रक से टकराई और इसमें बैठी दो सवारियां बाहर आ गिरीं। वहीं बस 200
मीटर तक घिसटती हुई सड़क के दूसरे छोर पर चली गई।
आड़े आई भाषा
सभी मुसाफिर कोलकाता के है। इनमें से न तो कोई हिंदी जानता है और न ही इंग्लिश। पुलिस वाले कुछ भी कहते तो वह सही तरीके से जवाब भी नहीं दे पा रहे थे।
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