विपक्ष के आरोपों पर विधानसभा में जवाब में शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ उन्होंने जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था, उन सब बातों पर वे आज भी कायम है। धारीवाल ने कहा कि पत्र के माध्यम से उन्होंने भावनाएं व्यक्त की थी, उन विचारों पर अब भी कायम हूं। उन्होंने कहा कि यूडीएच के तत्कालीन उप सचिव आरएएस एस.ए फारुखी के खिलाफ अभियोजना स्वीकृति देना मुख्यमंत्री का अधिकार था।
धारीवाल ने विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कि उन्होंने पत्र के जरिए जो भावनाएं थीं वो व्यक्त कर दी, हम आपकी तरफ बंधुआ मजदूर नहीं हैं, जो बात ही नहीं रख सकते। इससे पहले भाजपा सदस्य हबीबुर्रहमान ने सबसे पहले धारीवाल की ओर से मुख्य सचिव के खिलाफ गहलोत को लिखे गए पत्र को सदन में पढ़ते हुए कि आर.ए.एस अफसर एस.ए फारुखी जांच में निर्दोष है, तो फिर उन्हें बहाल क्यों नहीं किया जाता। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि फारुखी को तुरंत बहाल किया जाए।
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