आपका-अख्तर खान

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08 मार्च 2013

विश्वामित्र ने जब किया अपनाने से इनकार तो बेटी को यहां छोड़ गई थी मेनका!

10 मार्च को आस्था का महापर्व शिवरात्रि है।कहा जाता है कि शिवरात्री के दिन ही भगवान भोले नाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था और उसी की याद का को ताजा करने के लिए हर साल इस दिन यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।दिनभर शिवमंदिरों में पूजन अर्चन के बाद रात में भगवान शंकर और माता पार्वती की शोभा यात्रा निकाली जाती है।मंदिरों में शिवभक्तों का तांता स्वतः ही भगवान शिव के प्रति भक्तों की आस्था का परिचय देता है।
 
 
देश के हर शहर में भगवान शिव के कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जहां से शिवभक्तों की आस्था वर्षों पुरानी है।उन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर है एजुकेशन सिटी कोटा का कंसुआ शिव मंदिर।इस मंदिर को कंसुआ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।इस मंदिर का इतिहास लहभग 1275 साल पुराना है।

1 टिप्पणी:

  1. खान साहेब को नमस्कार , हेड लाईन कुछ और कहानी कुछ और .....??????, इसी सिलसिले में मैंने पहले भी आपको याद दिलाया था ,अब ये भी आप पढ़कर देखे तो पता चले ......?

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