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16 मार्च 2013

यहाँ का केसा नजारा है

यहाँ का केसा नजारा है
आज की यह केसी दुनिया
यहाँ का केसा नजारा है
कहते थे
माँ के पेरों के नीचे जन्नत है
लेकिन यहाँ तो बस
जन्नत माँ के पेरों के निचे से खिसक कर
बीवी के पेरों के निचे चली गयी है
इसीलियें तो
माँ की उपेक्षा
बीवी की फरमाबरदारी का नजारा है ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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