बुजुर्गों की कहावत है के हिम्मते मर्दा मददे
खुदा यानी जो शख्स हिम्मत करता है खुदा उसकी मदद करता है ..जी हाँ दोस्तों
यह कहावत कहावत नहीं एक हकीक़त है और कई मुश्किलों के दोर में अटके लोगों ने
इस कहावत को हकीक़त में बदल दिया है मुश्किलों को जीत कर खुद को आकाश कर
लिया है ......पिछले दिनों मेरे वालिद का स्वास्थ खराब चल रहा था इसलियें
सुबह सवेरे की सेर के लियें मुझे उन्हें रोज़ साथ लेजाना पढ़ा ..सुबह पांच बजे
जब हम निकलते फजर के बाद कोटा श्रीपुरा मोटर स्टेंड स्थित एक चाय के ठेले
पर हम जाते ..चाय वाला हम दो को देख कर दो चाय देता हम रूपये देते वोह
बाक़ी पेसे वापस लोटा देता था ..चाय भी टेस्टी और चाय की दूकान पर उसका रोज़
सुबह चार बजे से शाम सात बजे तक का यही रूटीन है एय्ह ठेले पर चाय बेचने
वाले स्मार्ट से अधेड़ जनाब करीब एक हजार चाय रोज़ बेचकर हजार रूपये प्रतिदिन
बचा लेता है खुद बर्तन धोना ..खुद चाय देना ..वगेरा वगेरा ...खेर हमारा यह
सिलसिला रोज़ का लगभग दो माह से लगातार बना था ....आज करीब दो दिन के वक्फे
के बाद में और मेरे वालिद साहब सुबह टहलने कर देरी से करीब छ बजे इस चाय
के ठेले पर पहुंचे वहां चहल पहल थी लोग ज्यादा थे दो मिलने वाले भी मिल गए
मेने ठेले पर चाय बना रहे उसी रोज़ मर्रा चाय देने वाले व्यक्ति से चार चाय
की कहा एक बार कहा दो बार कहा कोई जवाब नहीं आया बार बार कहा आखिर पास में
खड़े एक बुज़ुर्ग ने कहा भाई यह सुन और बोल नहीं सकता इसे इशारे से समझाओं तब
मेने चार उँगलियों का इशारा किया और इन जनाब ने चार चाय दे दी ..थोड़ी देर
बाद यही शख्स जब चाय के बरन लेकर धोने आया तो देखता हूँ के उसके एक पैर में
पोलियो भी है ..में सोचने लगा खुदा ने जिसकी बोलने ....सुनने और चलने
फिरने की ताक़त छीन ली वोह भी देख लो सिर्फ एक खुदा की ताकत हो हिम्मत होने
की वजह से ओरो से बहतर रोज़गार पर है ....में सोचने लगा के एक तरफ तो
हालातों को दोष देकर हालातों को कोसकर बेरोज़गारी का दंश झेल रहे बेरोजगार
नवयुवकों की फोज है और इनमे से ही कई जिदंगी हार कर आत्महत्याएं कर रहे है
और दूसरी तरफ खुदा ने जिसे बोलने सुनने और चलने फिरने की ताक़त नहीं दी वोह
हिम्मत की ताक़त पर वोह खुद के भरोसे पर हिम्मते मर्दा मददे खुदा की तर्ज़ पर
खुद अपना और परिवार का पेट पाल रहा है वाह रे खुदा तेरी कुदरत तू मेरे इस
देश के उन सभी बेरोजगार और हिम्मत हरे हुए नोजवानों को भी हिम्मत दे जो
बिना किसी वजह के म्हणत किये बगेर हिम्मत हार कर बेथ गए है .....अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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