जयपुर.हाईकोर्ट ने मुकदमों में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं होने पर
मंगलवार को कहा कि 12वीं सदी की पुलिस के भरोसे नहीं रहा जा सकता, बल्कि
21वीं सदी के लिए आधुनिक पुलिस चाहिए। यदि पुलिस प्रशासन को आधुनिक बनने के
लिए सरकार से बजट चाहिए तो बताएं।
न्यायाधीश आरएस चौहान ने यह अंतरिम आदेश मंगलवार को मोतीराम जाट सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
हाईकोर्ट ने डीजीपी सहित करीब 40 अफसरों को तलब किया था। सुनवाई में
डीजीपी हरिश्चंद्र मीना ने हाईकोर्ट के आदेश के पालन का आश्वासन देते हुए
कहा कि देशभर में राजस्थान की पुलिस बेहतर प्र्दशन कर रही है। सुधार के लिए
भी प्रयासरत हैं।
गौरतलब है कि थानों में दर्ज मुकदमों में निष्पक्ष अनुसंधान नहीं होने
को लेकर करीब 75 याचिकाओं पर सुनवाई थी। अदालत ने डीजीपी सहित अन्य
अनुसंधान अधिकारियों को तलब किया था। सुनवाई से वंचित रही याचिकाओं में 5
अप्रैल को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने ये भी कहा- थानों में ही निष्पक्ष जांच क्यों नहीं
अदालत पुलिस के काम की मॉनिटरिंग नहीं करना चाहती। थाने के स्तर पर ही
मुकदमे में निष्पक्ष अनुसंधान की व्यवस्था हो, यदि व्यवस्था नहीं है तो
कोई नोडल अधिकारी नियुक्त करें। डीजीपी एक महीने में मुकदमों में निष्पक्ष
अनुसंधान के लिए कार्य योजना पेश करें।
हमारी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है : डीजीपी
राज्य में कांस्टेबल की भर्ती भी पारदर्शी प्रक्रिया से होती है। कोई
सिफारिश नहीं चलती। आर्मी वाले भी हमसे भर्ती प्रक्रिया के बारे में पूछते
हैं।
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