सुजानगढ़.
गोपालपुरा की रोही में स्थित स्वामियों की ढाणी के पास शनिवार सुबह नवजात
बेटे को खेत में जिंदा दबा दिया गया। वहां से निकल रहे एक राहगीर ने उसे
निकाल कर अस्पताल पहुंचा दिया। सूत्रों के मुताबिक उसे गाड़ने के लिए महिला
व पुरुष बाइक से पहुंचे थे।
अज्ञात लोगों ने उसे जिंदा दफना कर बेशक एकबारगी उससे पीछा छुड़ा
लिया, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। ढाणी झलाई तलाई निवासी चंद्रसिंह
पुत्र भूरसिंह रावणा राजपूत ने बताया कि वह शनिवार सुबह करीब आठ बजे ढाणी
से मजदूरी के लिए पैदल सुजानगढ़ की ओर रवाना हुआ।
कुछ दूर चलने के बाद स्वामियों की ढाणी के पास स्थित राजकीय प्राथमिक
स्कूल के निकट उसने दूर से एक महिला व पुरुष को सड़क की ओर-आते व जल्दबाजी
में अपनी बाइक स्टार्ट कर गोपालपुरा की ओर भागते हुए देखा था।
शक होने पर वह मालियों के खेत में पद चिह्नें का पीछा करते हुए घटना
स्थल तक गया, तो खेत में ताजा खोदा हुआ एक गड्ढा गीली मिट्टी से भरा हुआ
नजर आया। उसने हल्की से खुदाई की, तो उसमें एक नवजात तड़प रहा था। उसे लेकर
वह मुख्य सड़क पर आ गया। जहां पर उसे गोपालपुरा निवासी अध्यापक संतोष
कुमार मिला। बाद में दोनों ने आठ किलोमीटर पैदल चल कर उसे सुजानगढ़ के
राजकीय बगड़िया अस्पताल में पहुंचाया।
अस्पताल के पीएमओ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सीआर सेठिया ने मामले की
गंभीरता को देखते हुए उसका तुरंत उपचार कर बचा लिया। उधर पुलिस ने
चंद्रसिंह की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया।
बच्चा खतरे से बाहर
डॉ. सीआर सेठिया ने बताया कि नवजात का जन्म शुक्रवार देर रात का होना
लग रहा है। उन्होंने बताया कि जिंदा दफन करने के चलते वह डरा हुआ था तथा
सर्दी व मिट्टी के कारण उसके शरीर में संक्रमण भी हो गया था।
नवजात के शरीर की सफाई करते हुए, उसे तुरंत फोटोथैरेपी में रख कर
ऑक्सीजन लगाया गया है। डॉ. सेठिया ने बताया कि शिशु को संक्रमण की रोकथाम
के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन व अन्य जीवन रक्षक दवाइयां दी जा रही है। उसकी
हालत अब खतरे से बाहर है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)