कुंभ कैंपस. संगम तट पर लगे कुंभ में अंतिम शाही स्नान के बाद
अब अखाड़े अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे हैं। एक बार फिर नागा संन्यासी देश
दुनिया के लिए अदृश्य हो जाएंगे। संगम पर दोबारा नहीं नज़र आएंगे। इनका
जीवन फिर से रहस्यमयी होने जा रहा है।
संगम की धरती पर अब स्नान के लिए गंगा की रेती पर निर्वस्त्र होकर
चलते, शरीर पर भभूत और रेत लपेटे, नाचते-गाते, उछलते-कूदते, डमरू-ढफली
बजाते नागा नहीं नज़र आएंगे। नागा भोले बाबा की नगरी के लिए प्रस्थान
करेंगे। वहां एक महीने तक रहने के बाद होली का त्योहार धूम धाम से मनाएंगे।
उसके बाद गुफाओं और कन्दराओं में गायब हो जाएंगे।
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