नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को उनके राज्य में ही घेराबंदी करके उलझाए रखने की रणनीति
महाराष्ट्र में बनाई जा रही है। इस काम को अंजाम देने के लिए कांग्रेस
उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पांच दूत गुजरात के प्रत्येक लोकसभा सीट की जमीनी
हकीकत खंगालने के लिए वहां जाने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि मोदी की
घेराबंदी की जमीन तैयार करने के लिए गुजरात जाने वालों में महाराष्ट्र
कांग्रेस के महासचिव माणिक जगताप और दिल्ली से अंजलि राय को भी रखा गया
है।
बताया जा रहा है कि गुजरात की 26 सीटों में से 5 सीटों का सर्वे करने
की जिम्मेदारी जगताप पर सौंपी गई है। लोकसभा की ये पांच सीटें कच्छ,
राजकोट, पोरबंदर, जामनगर और जूनागढ़ हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि
गुजरात की करीब 15 सीटों पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है। गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता में लोकप्रियता को देखते हुए आगामी
लोकसभा चुनाव में यह संख्या बढऩे की प्रबल संभावना है। इसके अलावा मोदी को
भाजपा का एक बड़ा वर्ग प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के पूरे में पेश कर
रहा है। जिसकी वजह से भविष्य में राहुल गांधी को मोदी की लोकप्रियता से
मुकाबला करना पड़ेगा। भविष्य में निर्माण होने वाली इस सियासी परिस्थिति का
कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अभी से आंकलन कर लिया है। लिहाजा विधानसभा और
स्थानीय निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न होने से सबक लेते हुए कांग्रेस
ने लोकसभा की एक-एक सीट का बारीकी से सर्वे करना शुरू किया है।
सर्वे का यह काम पहले किसी प्राइवेट एजेंसी को दिया जाता था, लेकिन
राहुल गांधी ने चुनाव समन्वय समिति की कमान संभालने के बाद छान-छान कर देश
के प्रत्येक राज्यों से करीब 37 ऐसे लोगों का चयन किया है जिन पर पार्टी के
लिए निष्पक्ष सर्वे की जिम्मेदारी समय-समय पर सौंपी जाएगी। बता दें कि
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होने की वजह से कांग्रेस की
ओर से लोकसभा चुनाव का सर्वे रह गया था, जो अब शुरू हो गया है।
गुजरात जाकर क्या करेंगे राहुल के दूत : बताया जा रहा है कि राहुल
गांधी के जो पांच दूत गुजरात की लोकसभा सीट का सर्वे करने जाने वाले हैं।
वे सबसे पहले तालुका, ब्लॉक व जिला अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे और पार्टी
की जमीनी ताकत की जानकारी हासिल करेंगे। इसके बाद जिन सीटों पर कांग्रेस का
कब्जा नहीं है, वहां पार्टी का उम्मीदवार कौन और क्यों होना चाहिए? इसकी
विश्वसनीय जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। महत्वपूर्ण है कि यह रिपोर्ट
बाद में चुनाव समन्वय समिति के सदस्य अहमद पटेल और मधुसूदन मिस्त्री को
सौंपी जाएगी। जिसके आधार पर बाद में पार्टी गुजरात में अपने लोकसभा
उम्मीदवार का नाम तय करेगी। सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी कवायद करने के
पीछे राहुल गांधी की मंशा सिर्फ इतनी है कि लोकसभा चुनाव के वक्त गुजरात
में पार्टी भाजपा को टक्कर देने वाला सक्षम उम्मीदवार दे ताकि मोदी चुनाव
प्रचार के लिए अपने राज्य से बाहर न जा सकें। इसके अलावा यदि मोदी को घेरने
की पार्टी की रणनीति सफल होती है यानी गुजरात में कांग्रेस की भाजपा से
ज्यादा सीटें आती हैं, तो मोदी का प्रधानमंत्री पद का दावा अपने आप कमजोर
पड़ जाएगा।
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