कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी की महिला शाखा की समिति ने
दुष्कर्म कानून पर अपने सुझाव सौंप दिए हैं। समिति दुष्कर्म के दोषियों के
रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने के पक्ष में नहीं है। समिति ने अपनी
दलील के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीआर कृष्णअय्यर का
हवाला दिया है। पूर्व न्यायाधीश ने इसे गैरकानूनी बताया है। हालांकि समिति
दोषी को फांसी की सजा देने के पक्ष में है लेकिन अगर किसी कारणवश फांसी की
सजा न हो पाए तो आजीवन कैद की पक्षधर है। समिति की अन्य सिफारिशों में कुछ
खास इस प्रकार हैं।
एक, दुष्कर्म पीडि़ता को देश में कहीं भी एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार
हो। यानी घटना कहीं भी हो लेकिन पीडि़ता जहां अपने को सक्षम पाए वहीं
एफआईआर दर्ज करा सके। दूसरे, पीडि़ता के एवज में उसके किसी रिश्तेदार को भी
एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार मिले।
तीसरे, फास्टट्रैक कोर्ट हर हाल में 90 दिनों के अंदर फैसला सुना दे।
चौथे, दुष्कर्म के दोषी की संपत्ति पीडि़ता के नाम ट्रांसफर कर दी जाए।
पांचवे, दुष्कर्म के मामलों की तहकीकात आला पुलिस अधिकारियों की निगरानी
में हों और उसके लिए वही जवाबदेह हों। इसके अलावा महिला कांग्रेस ने अपने
सुझावों में यह भी कहा है कि छेड़छाड़ या दूसरे यौन उत्पीडऩ के मामले में
भी सजा सख्त की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में भी कम से कम दो से पांच साल की
सजा का प्रावधान किया जाए।
मोहसिना किदवई की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर कांग्रेस
अध्यक्ष ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त
मंत्री पी. चिदंबरम, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और अपने राजनीतिक
सचिव अहमद पटेल से भी चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली
में पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिवों की बैठक में गृह मंत्री तमाम राज्यों
में बलात्कार और यौन उत्पीडऩ के मामले मेंं सख्ती की सलाह देंगे और
जिम्मेदारी तय करने के लिए राज्यवार कमेटी बनाने को भी कहेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)