भोपाल। मप्र की महिला वैज्ञानिक के बाद अब प्रोफेसर ने महिलाओं
के खिलाफ विवादित बयानबाजी की है। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी कैंपस में
गुरुवार दोपहर दो छात्राओं से छेड़छाड़ के बाद बवाल मच गया। पीडि़त
छात्राओं के साथियों ने जब छेड़छाड़ का विरोध किया तो आरोपी ने अपने
साथियों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट की। हद तो तब हो गई, जब शिकायत करने
पहुंचीं छात्राओं को बीयू के रैक्टर (सीनियर प्रोफेसर) डॉ. डीसी गुप्ता ने
कह दिया कि उन्हें यदि ज्यादा सुरक्षा चाहिए तो वे अपने घर चली जाएं। बात
यहीं पर खत्म नहीं हुई।
छात्राओं की व्यथा सुनने आईं बीयू की महिला उत्पीडऩ निवारण सेल की
अध्यक्ष प्रो. नीरजा शर्मा ने छात्राओं को नसीहत देते हुए कहा-छेड़छाड़ की
घटना हुई भी थी तो इतना तमाशा खड़ा करने की क्या जरूरत थी?
उधर, बीयू प्रशासन पूरी घटना को छात्रों का आपसी विवाद बता रहा है।
पीडि़त छात्राओं का कहना है कि दो दिन पहले शुरू हुई महिला हेल्पलाइन नंबर
1090 पर भी उन्होंने शिकायत की, लेकिन दो घंटे तक कोई पुलिसकर्मी मदद के
लिए नहीं पहुंचा।
दो घंटे बाद बीयू पहुंची पुलिस
छेड़छाड़ की शिकार हुईं बीयू की छात्राओं का कहना है कि हेल्पलाइन की
ऑपरेटरों ने फोन पर उनसे आरोपियों की तरह पूछताछ की। दो घंटे के बाद दो
कांस्टेबल वहां पहुंचे, तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। खास बात यह है कि
बीयू से बागसेवनिया थाने की दूरी महज तीन सौ मीटर है। वहीं, मिसरोद एसडीओपी
सारिका शुक्ला का कहना है कि हेल्पलाइन से सूचना मिलते ही बागपुलिस को
रवाना कर दिया गया था लेकिन यूनिवर्सिटी में ये पता नहीं चल पा रहा था कि
शिकायत करने वाली छात्राएं कौन हैं। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों के
फोन भी रिसीव नहीं किए।
रिपोर्ट नहीं कराई छात्राओं ने : घटना के बाद पीडि़त छात्राएं फिजिक्स
डिपार्टमेंट में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए
आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि वे इस पूरी घटना की शिकायत पुलिस से भी
करेंगी। इस बीच रैक्टर डॉ. गुप्ता और प्रो. नीरजा शर्मा भी वहां पहुंचीं और
छात्राओं से बंद कमरे में बात की। इसके बाद दोनों छात्राओं ने चुप्पी साध
ली। इधर बागसेवनिया थाना प्रभारी दिनेश जोशी ने छात्र धर्मराज साहू की
शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है।
छेड़छाड़ के सवाल पर जोशी का कहना है कि इस बारे में छात्राएं बात करने को
तैयार नहीं हैं।
शिकायत की तो मिली नसीहत
घटना की जानकारी लगते ही बीयू की यौन उत्पीडऩ निवारण सेल की सदस्य डॉ.
आशा शुक्ला फिजिक्स डिपार्टमेंट पहुंचीं। वहां पहुंचकर उन्होंने छात्राओं
से घटना की जानकारी ली। रैक्टर डॉ. डीसी गुप्ता ने छात्राओं से बात करने के
पूर्व ही मीडिया से कहा कि ये घटना दो गुटों की रंजिश का नतीजा है। इस पर
डॉ. शुक्ला ने आपत्ति करते हुए डॉ. गुप्ता को पहले पीडि़त छात्राओं से बात
करने को कहा। इसको लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। इसी दौरान डॉ. गुप्ता ने
छात्राओं से कहा कि ज्यादा सुरक्षा चाहिए तो घर चले जाओ, यहां पढऩे क्यों
आई हो? इस बारे में जब संवाददाताओं ने डॉ. गुप्ता से बात की तो उन्होंने
कहा आप लोग (मीडिया) बेवजह तूल दे रहे हैं।
डरी हुई हैं छात्राएं
बीयू में छात्राओं से छेड़छाड़ और छात्रों से आधे घंटे तक मारपीट के
बाद से ही सभी पीडि़त छात्राएं डरी हुई हैं। यही वजह है कि रजिस्ट्रार संजय
तिवारी ने जब उन्हें अपने कार्यालय में आने को कहा तो उन्होंने वहां जाने
से मना कर दिया। छात्राओं का कहना था कि अब वो इस मामले में कोई बात नहीं
करना चाहती हैं। इसके अलावा छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से भी
उनके नाम गोपनीय रखने की गुजारिश की है।
जांच कराएंगे : कुलपति
कुलपति प्रो. निशा दुबे और रजिस्ट्रार संजय तिवारी ने कहा कि मामले की
जांच कराई जाएगी। हालांकि कुलपति ने सफाई देते हुए कहा कि घटना के 4 घंटे
बाद मुझे मारपीट की जानकारी तो मिली है, लेकिन छात्राओं से छेड़छाड़ होने
की कोई सूचना नहीं है। मीडियाकर्मियों ने जब कुलपति से फिजिक्स डिपार्टमेंट
के एचओडी के नशे में होने की बात कही तो उनका जवाब था कि पहले मारपीट की
जांच हो जाए, फिर प्रोफेसर का मेडिकल चेकअप होता रहेगा।
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