हिन्दी
विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिन्दी को भारत की
राजभाषा बनाने के क्रम में अनुच्छेद 351, 343 26 जनवरी, 1965 को ही पारित
किए गए थे। इन सभी अनुच्छेदों के तहत हिन्दी के विकास पर खासा जोर दिया
गया। हमें अपनी राजभाषा पर गर्व है। यह ऐ तथ्य है लेकिन कडवा सच यह है के
भारत के अधिकतम न्यायालयों में इस भाषा का नमो निशान भी नहीं है दक्षिण
भारत में हिंदी भाषा बोलने पर जिंदा जला देने की घटना सामने आई है भाषा के
नाम दंगे फसादात हुए है हिंदी लागू करने के लिए हर साल सरकार करोड़ों करोड़
खर्च करती है फिर भी हिंदी का देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक यही हाल है
... लोफ्टर शो के हीरो बने कोटा के सुरेश अलबेला ने जब मुंबई से जयपुर
हवाई जहाज़ से आते हुए प्लेन में हिंदी के अख़बार की मांग की और जिद पर अड़ गए
तो उन्हें हिंदी का अखबार तो नहीं मिला लेकिन प्लेन से उतर जरूर दिया गया
तो दोस्तों आओ आज हम फिर संकल्प ले के हिंदी को लागू करने के छदम प्रयासों
का पर्दाफाश कर यह हकीक़त में हमारे देश में लागू हो इसके लियें हम सफलतम
प्रयास करे .और इसके लियें एक कानून की मांग करे के हिन्दुस्तान के जितने
भी चुनाव हो चाहे वोह विधान सभा के हो ..चाहे वोह लोकसभा के हो ..चाहे वोह
पंचायत ..नगरपालिका ..समितियों के हो ..सियासी पार्टियों के हो उनके चुनाव
आवेदन प्र्त्याकाशी द्वारा खुद हिंदी में भरना अनिवार्य कर दिया जाए अन्यथा
उसे चुनाव लड़ने का हक नहीं मिले ...राशन का आवेदन ...लाइसेंस का आवेदन या
देश के किसी भी सरकारी विभाग का आवेदन हिंदी में ही आवेदक के स्वम द्वारा
भरना अनिवार्य कर दिया जाए तो दोस्तों हमारी हिंदी देश में ही नहीं विश्व
में जिंदाबाद हो जायेगी भारतीयों के लियें तो क्या बाहर से आने वाली
बहुद्देशीय विदेशी कम्पनियों के लियें भी फिर हिंदी पढना लिखना अनिवार्य हो
जायेगी और हिंदी जो गुलाम है अंग्रेजी की वोह आज़ाद हो जायेगी क्या इस लड़ाई
में हमारी मदद करोगे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)