नई दिल्ली। 78 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला के लिए विवाद नई बात नहीं हैं हालांकि मंगलवार को उन्हें अब तक की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई है। मंगलवार को अदालत का फैसला आने पर दामिनी गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को झेलने वाली दिल्ली पुलिस को एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से निपटना पड़ा। चौटाला पर जेबीटी घोटाले से पहले हरियाणा सिविल सर्विसेज (एससीएस) में भर्ती घोटाले का मामला भी दिल्ली की अदालत में चल रहा है। हरियाणा के छह दिन से लेकर छह साल (1999-2005 तक दो कार्यकालों में) तक के मुख्यमंत्री रहे चौटाला का बचा हुआ ज्यादातर समय अदालत में केस लड़ते हुए ही बीतेगा। मौजूदा हालत में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला उच्च अदालत के मौजूदा फैसले को रद्द करने तक चुनावों में भी भाग नहीं ले पाएंगे। चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों पर दो अन्य मामलों में दिल्ली की अदालत में केस चल रहे हैं जिसमें एक मामला आय से अधिक हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाने और दूसरा हरियाणा सिविल सर्विसेज में भर्ती घोटाले का है।
शिक्षक भर्ती घोटाले में (जेबीटी टीचर्स) 55 अभियुक्तों की सजा को लेकर कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी आईएनएलडी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने प्रदर्शन किया। चौटाला पिता-पुत्र को दस-दस साल कैद की सजा सुनाई गई है। ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला, शेर सिंह बड़सामी, विद्या धर (आईएएस), संजीव कुमार (आईएएस), मदल लाल कालरा, डीडी प्रधान, बनी सिंह और एक महिला दया सैनी को दस साल कैद के साथ अर्थदंड, पुष्करमल वर्मा को पांच साल कैद और अर्थदंड और बाकी अभियुक्तों को चार साल कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। ( इन सभी को आईपीसी की धारा 120 बी, 418, 467, 471 के साथ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1) (डी), 13 (2) के तहत दोषी पाया गया।
फैसले के बाद कोर्ट के बाहर सुबह से ही जमा आईएनएलडी कार्यकर्ता हिंसक हो गए। उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक समर्थकों ने कोर्ट परिसर में देसी बम भी फेंके। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े। ओमप्रकाश चौटाला के समर्थक बड़ी संख्या में सुबह से ही डट गए थे। वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और कोर्ट परिसर में घुसने की जिद पर अड़े थे। सुबह भी पुलिस को उनके ऊपर लाठीचार्ज करना पड़ा था और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। रोहिणी कोर्ट की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया था। इसके बावजूद आईएनएलडी के कार्यकर्ता वहां से हटे नहीं। पुलिस काफी मशक्कत के बाद ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला को कोर्ट ले जा सकी।
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