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30 जनवरी 2013

संध्या सिंह मर्डर मिस्ट्री : खुदाई से खुलेगा कंकाल का राज

इंदौर. सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर जयप्रकाश सिंह की पत्नी संध्या सिंह का कंकाल उनके लापता होने के 46 दिन बाद घर से महज एक किमी दूर डीपीएस तालाब (मुंबई) के पीछे ही मिलने से मामला उलझ गया है। बुधवार को पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कंकाल मिलने वाली जगह खुदाई की। पुलिस जांच में कई सवाल और विरोधाभास सामने आ रहे हैं। उन्हीं की पड़ताल करती रिपोर्ट-
 
हर जगह विरोधाभास 
 
क्या उस दिन वे बैंक गई थीं
 
उन्हें बैंक जाते देखा था : सहेली 
 
संध्या सिंह नवी मुंबई के नेरूल इलाके की पॉश कॉलोनी एनआरआई कॉम्प्लेक्स में रहती थी। यहीं उनकी सहेली उमा गौर भी रहती हैं। उमा के अनुसार गुमशुदगी वाले दिन संध्या सिंह ने उन्हें सुबह सात बजे फोन किया। मैंने फोन नहीं उठाया तो वह सुबह दस बजे मेरे घर आ गईं और मुझे बैंक छोड़ने के लिए कहा। हम दोनों कार से संध्या की दोनों नौकरानियों को घर छोड़कर सी वुड से होते हुए न्यू रेलवे ब्रिज क्रॉस कर स्टेशन के पास अभ्युदय को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचे। बैंक के नीचे बहुत गाड़ियां थी इसलिए मैंने बैंक गेट के थोड़े आगे उन्हें ड्रॉप किया। कार के साइड मिरर से मैंने उन्हें बैंक जाते देखा। 
 
नहीं ! वे बैंक नहीं आई : मैनेजर
 
अभ्युदय बैंक के मैनेजर राजेंद्र विष्णु आंग्रे ने ‘भास्कर’ से बात करते हुए कहा संध्या 13 दिसंबर को तो क्या अक्टूबर 2012 के बाद बैंक ही नहीं आई, क्योंकि उनके खाते में कोई लेन-देन नहीं हुआ। मैनेजर के अनुसार बैंक पहली मंजिल पर शिफ्ट हो रहा था इसलिए सीसीटीवी कैमरे बंद थे लेकिन घटना वाले दिन न तो लॉकर ऑपरेट हुआ और न ही अकाउंट। 
 
..लेकिन पुलिस को उमा पर शक इसलिए नहीं
 
 
उस दिन सुबह ग्यारह बजे उमा और संध्या की मोबाइल लोकेशन अभ्युदय बैंक के करीब ही आ रही थी। दो बजे जब संध्या की लोकेशन एक गांव के पास आई तब उमा की मोबाइल लोकेशन अलग थी। इसलिए पुलिस को उमा की बात सच लग रही है। 
 
 
 गहने ले जाने की क्या जरूरत थी
 
नौकरानियों से चोरी का डर था : पुलिस 
 
पुलिस के अनुसार संध्या गहनों को लेकर काफी संवेदनशील थीं। कुछ दिन पहले लाखों के इन गहनों पर नौकरानियों की नजर पड़ गई थी। संध्या को डर था कि कहीं नौकरानियां गहने न चुरा लें, इसलिए उन्होंने गहने बैंक के लॉकर में रखना जरूरी समझा। 
 
 
किसी ने बहलाया-फुसलाया था : पति
 
संध्या सिंह के पति जयप्रकाश के अनुसार उनकी पत्नी गहनों की काफी शौकीन थी और यह बात कई लोगों को पता थी। जयप्रकाश के अनुसार किसी के बहलाने-फुसलाने में आकर वह घर से इतने सारे गहने एक साथ लेकर निकली। उन्हीं गहनों के लिए पहले उसे अज्ञात जगह ले जाया गया फिर उसकी हत्या कर दी गई। 
 
 
नौकरानियों पर इसलिए नहीं संदेह
 
घटना के वक्त नौकरानियों को संध्या व उमा ने कार से घर छोड़ा था। इसलिए बहलाया हो, पुलिस नहीं मान रही है क्योंकि बैंक के बाद संध्या और नौकरानियों की मुलाकात नहीं हुई।
 

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