रायपुर। आप यदि खजुराहो को दुनिया का पहला कामकला का केन्द्र मान रहे
हैं तो संभवत: आप गलत हैं। खजुराहो से पहले भी मंदिरों पर कामकला के दर्शन
होते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी से सवा सौ किलोमीटर दूर एक मंदिर ऐसा है जो
खजुराहो और सूर्य मंदिर कोणार्क के समीप दिखाई देता है। इस मंदिर में कोई
एक दो नहीं पूरी 54 मूर्तियां हैं जो मैथुन की अवस्था में दिखाई देती हैं।
प्रचार—प्रसार और सुविधाओं के अभाव में यह मंदिर वैसी ख्याति हासिल नहीं कर
पाया।
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