आपका-अख्तर खान

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23 जनवरी 2013

के मेरी बर्बादी मेरी तबाही के आसार शुरू हो गए है

तुम
मेरी जिंदगी में
कुछ भी मायने
नहीं रखते ..
फिर भी
ना जाने क्यूँ
तस्वीर तुम्हारी देखकर
मेरा दिल धडकता है ..
तुम्हारी चेहरे की मायूसी देखकर
मेरी आँख से आंसू टपकते है
जब पास से निकलते हो तुम मेरे
क्यूँ मेरा दिल धड़कता है
खिलखिला कर हंसते हो जब तुम
मेरे चेहरे पर भी
ख़ुशी हाँ ख़ुशी आ जाती है
क्या यह
पागलपन तो नहीं
क्या यही प्यार है
क्या इसी को प्यार कहते है
अगर यह सच है
तो जितना मेने
सूना है
तुम्हारे बारे में
इससे तो यही लगता है
के मेरी बर्बादी
मेरी तबाही के आसार शुरू हो गए है ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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