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02 जनवरी 2013

फूटा एक मां का दर्द और बोली, 'कलेक्टर साब, बच्चा आपका होता तो..'



अजमेर.कलेक्टर साहब आपका बच्चा होता तो आप क्या करते? साहब जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग के हालात बहुत खराब हैं, कुछ तो करें आप। यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो एक मां अपने बच्चे को खोने के बाद रोते हुए कलेक्टर वैभव गालरिया से कर रही थी। जेएलएन में उपचार के दौरान उसके दो माह के बच्चे की मौत हो गई। इस हृदयविदारक दृश्य को देख गालरिया ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने एवं दोषियों के खिलाफ सख्त र्कारवाई का आश्वासन दिया। 
 
मंगलवार को समस्त नामदेव समाज और विभिन्न सामजिक संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर किए गए प्रदर्शन के बाद कलेक्टर गालरिया जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण करने बुधवार को अचानक पहुंचे। निरीक्षण के दौरान ही एक अन्य मासूम ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बच्चे के परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में कोताही का आरोप।
 
 
एक नर्सिगकर्मी को किया निलंबित
 
ब्यावर निवासी प्रकाश चंद्र गुप्ता के दो माह के मासूम रिद्म को सांस लेने में परेशानी होने पर जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में डॉ.पुखराज की यूनिट में भर्ती करवाया गया। परिजनों का आरोप है कि देर रात बच्चे को लगाया गया कैनूला आउट हो गया था। रात्रि स्टाफ को अवगत करवाया गया। स्टाफ नींद  ले रहा था। काफी देर तक प्रयास करने पर स्टाफ ने कहा कि आधा घंटा इंतजार करो। 
 
सुबह उसकी अचानक ज्यादा तबीयत खराब हो गई। कलेक्टर की मौजूदगी को देखते हुए सीनियर चिकित्सक हरकत में आए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कुछ देर बाद गालरिया ने एक नर्सिग कर्मी को निलंबित करने के आदेश दे दिए।
 
गुस्से में आए कलेक्टर 
 
रिद्म की मां आकांक्षा ने कलेक्टर वैभव गालरिया से रोते हुए कहा कि साहब मुझे मेरा बच्चा दिला दो। मां के विलाप को देखते हुए वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए। गालरिया भी आकांक्षा को ढांढस बंधाते रहे। उन्होंने परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
 
हादसे के बाद गालरिया गुस्से में आ गए। उन्होंने शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.अचला आर्य से जानकारी ली और मौजूदा व्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताई। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ.अशोक चौधरी ने कहा कि मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जो स्टाफ कोताही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 
आज हम रो रहे कल कोई और रोएगा : 
 
मृतक मासूम के परिजनों ने कलेक्टर से कहा कि साहब आज हम रो रहे हैं, कल कोई और रोएगा। यहां की व्यवस्था को सुधार दो साहब। यहां का हाल काफी बुरा है। कोई सुनने को तैयार नहीं है। किसी को रोगी की परेशानी से कोई मतलब नहीं है। आप आए हैं तो इनको सुधार कर जाओ।

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