नोएडा/आजमगढ़. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गरम दल के मुखिया
और आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेता जी सुभाष चंद्र बोस के बॉडीगार्ड और
पर्सनल ड्राइवर रहे निजामुद्दीन ने ने दावा किया है कि नेताजी सन 1945 में
हुए विमान दुर्घटना में नहीं मारे गए थे। उनकी यूपी के फैजाबाद जिले में
प्राकृतिक मौत हुई थी।
उनके मुताबिक, '1945 में ताइपे में दुर्घटनाग्रस्त हुए प्लेन में
नेताजी सवार नहीं थे। उन्होंने अंतिम क्षण में विमान बदल लिया था। उनकी मौत
विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी। फैजाबाद में गुमनामी बाबा के रूप में कुछ
साल पहले उनका निधन हुआ था।
जीवन के 111 बसंत देख चुके यूपी के आजमगढ़ के बिलैरागंज के रहने वाले
इस शख्स को 11 से अधिक भाषाएं आती हैं। वह जापानी, बर्मी, जर्मन, तमिल,
तेलुगु, बंगाली समेत कई भाषाओं के जानकार हैं। उनकी पत्नी की उम्र भी 101
वर्ष है। यह ऐतिहासिक जोड़ा जब नेताजी की यादों पर बोलना शुरू करता है तो
सुनने वालों की उत्सुकता बढ़ती जाती है। उनके पास अनेक दिलचस्प यादे हैं।
इसे उन्होंने दैनिकभास्कर.कॉम के साथ साझा किया।
वहीं ताजा खबरों के मुताबिक जिला प्रशासन ने आजाद हिंद फौज में
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अंगरक्षक तथा वाहन चालक रहे ‘कर्नल’
निजामुद्दीन को आजादी के 65 साल बाद स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने का
फैसला किया है। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने बुधवार को ‘नेताजी’ की जयन्ती
के मौके पर आयोजित समारोह में 111 वर्षीय निजामुद्दीन को सम्मानित करने के
बाद पूछे गए सवाल पर कहा कि निजामुद्दीन के पास मौजूद साक्ष्य उन्हें
स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के लिये पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि कुछ
जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निजामुद्दीन को स्वतंत्रता सेनानी का
दर्जा दे दिया जाएगा।
सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
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