दोस्तों आज जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत सभी से तपाक और सादगी से मिले ...सभी लोगों ने आज उन्हें उनके द्वारा प्रस्तुत बजट २०१२ की घोषणाओं के लियें धन्यवाद दिया ....आज राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक के नेत्रत्व में राजस्थान के दूर दराज़ से आये मुसलमान भाईयों ने भी हाल ही के बजट में मदरसा शिक्षा के लियें दो हजार पेराटीचर्स देने ....दस करोड़ रूपये अतिरिक्त आवंटन करने वक्फ के लियें तीन करोड़ रूपये देने ...आई टी आई ..छात्रावास और अल्पसंख्यक शिक्षा के लियें विशेष प्रावधान करने ...हज हाउस के लियें दो करोड़ रूपये देने के मामले में सभी मुसलमानों ने उन्हें मुबारकबाद देते हुए उनका शुक्रिया अदा किया ..मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने वालों में आज मोलाना फजले हक ..चेयरमेन मदरसा बोर्ड राजस्थान सरकार .....चेयरमेन जिला वक्फ बोर्ड लियाक़त अली ..अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के अज्जू एजाज़ भाई .कोटा जिला वक्फ कमेटी के चेयरमेन अज़ीज़ अंसारी ..ह्युमन रिलीफ सोसाइटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ..नद्दाफान पंचायत के अध्यक्ष शाहिद मुल्तानी ......आल इण्डिया सीरत कमेटी के अध्यक्ष जमील कादरी उपस्थित थे ..राजस्थान के दूर दराज़ से आये सभी मुसलमानों ने मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत से अल्पसंख्यक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
- Aejaj Khan मोलाना सा। ने कहा था मदरसा पेरा टीचर का मानदेय अच्छा हो जाएगा पर हुआ क्या वही ढाक दे तीन पात,.......... सब बकवास करते है ओर अपने गाल बजाते हें11 hours ago · · २
- .......................................................साथियों एक यह पोस्ट थी जो कल मेने जयपुर से आते ही अपनी फेसबुक पर डाल कर सभी भाइयों के साथ शेयर की इस पोस्ट पर थोड़ी देर में ही कुछ साथियों के कमेन्ट आये पहले तो मेने एक नेता बन कर सोचने का प्रयास क्या और सोचा यह सब कमेन्ट बकवास है और इन्हें में डिलीट कर दूँ .मेने ऐसा करने की कोशिश भी की ..लेकिन दोस्तों मेरे हाथ कांपने लगे और मेरे दिल ने यह सब करने को गवारा नहीं किया फिर मेने सोचा के दोस्तों मेने जो कुछ भी लिखा है वोह एक तथ्य हो सकता है लेकिन मेरे साथियों के कमेन्ट में यथार्थ छुपा है ...हकीक़त और कडवा सच छुपा है ...मेने नजरे दोडाई ..मेने देखा के मदरसों में शिक्षा सहयोगियों के पद जो एक माह पूर्व भर दिए जाने थे वोह आज साल खत्म होने तक भी नहीं भरे गए है .......जिन पेरातिच्र्स को अपने गृह जिलों में नियुक्तियां देना थी उन्हें आज नोकरशाही और मंत्रियों की कमजोरी की वजह से कोसों दूर जाना पढ़ेगा ........एक तरफ बेरोज़गारी .........मानदेय भत्ते की कमी और दूसरी तरफ सेकड़ों किलोमीटर दूर जब लडकियों को भेजने का बेदर्द सरकार का फेसला बेवकूफी और तानाशाही भरा हो तो फिर मुझे भी लगता है के मेरे साहियों की जो सोच है उसे अगर निष्पक्षता से सोचा जाए तो वोह सही है ...........और बस में अकेला खड़ा खड़ा यह सोचता रहा के सरकार अगर चाहती तो राजस्थान के पेरातिच्र्स को और बेहतर लाभ बेहतर मानदेय भत्ता दे सकती थी लेकिन सरकार इस मामले में दो तरह से चुक कर गयी एक तो बेरोजगार चयनित लडकियों को मनमाने तोर पर दुसरे जिलों में कोसों दूर भेजना और उनका मानदेय ऊंट के मुंह में जीरे की तरह दिया जाना ...खेर अल्लाह सरकार और हमारे नेताओं को भी अक्ल दे .उनके जमीर को झकझोरे और वोह सरकार का गिरेबान पकड़ कर यह जो जरूरतें हैं उन्हें जल्दी सुधार्वाये बस यही में दुआ करता रहा और अकेला खड़ा इस कडवे सच को पचाने की कोशिश में लगा रहा ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान